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मोतीपुर से 11.50 लाख नकली भारतीय नोट के साथ चार तस्कर गिरफ्तार

नोटबंदी के बाद राज्य में नकली भारतीय नोट की सबसे बड़ी खेप मोतीपुर के महमदपुर बलमी चौक से रविवार को पकड़ी गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 01:29 AM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 01:29 AM (IST)
मोतीपुर से 11.50 लाख नकली भारतीय नोट के साथ चार तस्कर गिरफ्तार
मोतीपुर से 11.50 लाख नकली भारतीय नोट के साथ चार तस्कर गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर : नोटबंदी के बाद राज्य में नकली भारतीय नोट की सबसे बड़ी खेप मोतीपुर के महमदपुर बलमी चौक से रविवार को पकड़ी गई। नकली नोट की यह खेप नेपाल के रास्ते असोम नंबर की कार से मोतीपुर होते हुए छपरा ले जाई जा रही थी। विशेष पुलिस टीम ने छापेमारी कर महमदपुर बलमी चौक के निकट पकड़ लिया। कार की तलाशी में 11.50 लाख नकली भारतीय नोट बरामद हुई। नोट 500, 200 व 100 के मूल्य में है। पुलिस टीम ने चार तस्करों को गिरफ्तार किया है। उसकी कार जब्त की गई है। गिरफ्तार किए जाने वालों में सारण जिला के कोपा थाना के चौखड़ा गांव का नीरज सिंह, अमनौर थाना के मदरौली गांव का राजू सिंह, फिरोजपुर गांव का आलोक भगत व सरैया थाना के बखरा गांव का मो.असलम शामिल है। तस्करों के इस गिरोह का तार नेपाल व बांग्लादेश के नकली भारतीय नोट का धंधा करने वाले सिंडिकेट से जुड़ा है। इसकी जानकारी सोमवार की शाम अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी जयंतकांत ने दी। मौके पर एसडीपीओ सरैया राजेश कुमार शर्मा भी मौजूद थे। एसएसपी ने कहा कि इन नोटों की एफएसएल जांच कराई जाएगी।

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नकली नोट में अधिकांश मानकों को पूरा करने की कोशिश : बरामद नोट तैयार करने में काफी सावधानियां बरती गई हैं। सामान्य तौर पर इसे पकड़ना मुश्किल है। इसकी प्रिटिंग, कागज व कलर का भी खास ध्यान रखा गया है। अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि इन नोटों की छपाई किस देश में की गई। इतना तय है कि इस धंधे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा सिंडिकेट सक्रिय है। यह सिंडिकेट स्थानीय तस्करों के सहयोग से जाली नोटों का धंधा कर रहा है।

खपाई जाती है नोटों के बड़े बंडलों में : जाली नोट खपाने के लिए यह गिरोह शहरों से सटे कस्बाई इलाका, छोटे शहर व देहाती क्षेत्रों को अपने टारगेट क्षेत्र में रखता है। यह गिरोह यहां जाली नोटों की छोटी-छोटी राशि खपाता है। नोटों के बड़े बंडलों में छुपाकर आसानी से इसे खपाई जाती है। जिससे किसी को भी संदेह नहीं होता था। इन तस्करों का सिंडिकेट छपरा, वैशाली,मुजफ्फरपुर व मोतिहारी में सक्रिय है। सारण जिला के कोपा थाना के चौखड़ा गांव का नीरज सिंह इस क्षेत्र का मास्टरमाइंड है। वही यह सिंडिकेट चलाता है।

पिछले साल बरामद जाली नोट के बाद पुलिस थी सक्रिय : पिछले साल मोतीपुर इलाके से पुलिस टीम ने 7.50 लाख जाली नोट के साथ सात तस्करों को गिरफ्तार किया था। ये सभी नोट सौ रुपये मूल्य के थे। इसकी छपाई स्थानीय स्तर पर की गई थी। पूछताछ के बाद सीतामढ़ी के मेजरगंज में छापेमारी कर नेपाली नोट पकड़ा था। इन तस्करों से पूछताछ में जाली नोट सप्लाई करने व खपाने वाले एक बड़े नेटवर्क का एसएसपी को पता चला था। इस पर गोपनीय व तरीके से तकनीकी व सूचना संकलित की जा रही थी। कुछ दिन पहले इस गिरोह की ओर से मुजफ्फरपुर में नकली नोट की बड़ी खेप सप्लाई की जाने की ठोस सूचना उन्हें मिली थी। इस सूचना के आधार पर एसएसपी ने एसडीपीओ सरैया राजेश कुमार शर्मा के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की। इसमें नगर थानाध्यक्ष अनिल कुमार, मोतीपुर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार, साहेबगंज थानाध्यक्ष अनूप कुमार तथा सरैया थानाध्यक्ष सुनील कुमार को शामिल किया गया। रविवार को दिन के 11 बजे पुष्ट सूचना के आधार पर मोतीपुर के महमदपुर बलमी चौक के पास एसएसपी के नेतृत्व में वाहन चेकिंग के दौरान छापेमारी कर असोम नंबर की कार पकड़ी गई। कार में सवार चार लोगों को पकड़ा गया। तलाशी लेने पर उसमें से 11.50 लाख भारतीय जाली नोट मिला।


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