वीर बहादुर हत्याकांड में चार को आजीवन कारावास, दस-दस हजार रुपये जुर्माना भरने का भी आदेश
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने गुरुवार को तीन सगे भाइयों समेत चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मजदूरी मांगने के विवाद में नौ वर्ष पहले हुई थी घटना।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम सुरेंद्र कुमार ने गुरुवार को वीर बहादुर महतो हत्याकांड में तीन सगे भाइयों समेत चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी सजायाफ्ता को दस-दस हजार रुपये जुर्माना का भी आदेश दिया। सजा पाने वालों में मझौलिया थाना क्षेत्र के कचहरी टोला बहुअरवा निवासी विनोद चौधरी, सुबोध चौधरी, राजेश्वर चौधरी और पूर्वी चंपारण के संग्रामपुर थाने के बरिअरिया निवासी प्रेम चौधरी हैं। विनोद, सुबोध व राजेश्वर सगे भाई हैं। वहीं, प्रेम चौधरी इनके बहनोई हैं।
अपर लोक अभियोजक जयशंकर तिवारी ने बताया कि घटना की बाबत मझौलिया थाने में दर्ज कांड के सूचक मझौलिया थाना क्षेत्र के बहुअरवा कचहरी टोला निवासी राजेंद्र महतो हैं। बताया कि छोटे भाई वीर बहादुर महतो ने गांव के विनोद चौधरी के घर शादी में खाना बनाया था। पंद्रह सौ रुपये मजदूरी की बात तय थी। जब मजदूरी मांगने राजेंद्र महतो विनोद चौधरी के घर गए तो कहा कि तुम्हारे भाई ने तीन दिन खाना बनाया। दो सौ रुपये रोज के हिसाब 600 रुपये देंगे। राजेंद्र ने कहा कि बात 1500 रुपये में तय थी। इस पर विनोद चौधरी से बकझक होने लगी।
इस दौरान अभियुक्तों ने कॉलर पकड़ लिया। इस बीच राजेंद्र की पत्नी छठिया देवी पहुंची और अगले दिन पंचायती बैठाने की बात कही। कुछ देर बाद छोटा भाई वीर बहादुर महतो भी आया। वह चिल्लाने लगा कि पंद्रह सौ रुपये से कम नहीं लेंगे। 10 नवंबर 2010 को अभियुक्त घर में ईट-पत्थर फेंकने लगे। इसी बीच लाठी-डंडे से वीर बहादुर की जमकर पिटाई कर दी। भाभी छठिया देवी बचाने गई तो उसे भी पीटा। बाद में दोनों को इलाज के लिए सदर अस्पताल, बेतिया लाया गया। जहां इलाज के दौरान वीर बहादुर की मौत हो गई।
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