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सेविकाओं ने किया स्टेशन रोड का चक्का जाम, समर्थन में धरना पर बैठ गए पूर्व मंत्री

आरजू-मन्नत पर भी नहीं दिया जाने का रास्ता, राहगीरों से की धक्का-मुक्की, साइकिलों के टायर की निकाली हवा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 02:33 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 02:33 PM (IST)
सेविकाओं ने किया स्टेशन रोड का चक्का जाम, समर्थन में धरना पर बैठ गए पूर्व मंत्री

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं का सरकार के प्रति आक्रोश बुधवार भी सड़क पर उतरा। स्टेशन रोड को जाम कर सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इस दौरान आवागमन को ठप कर दिया। इस दौरान राहगीर आरजू-मन्नत करते रहें, मगर सेविकाएं नहीं मानी। जबरन आने-जाने की कोशिश करने वालों पर गुस्सा उतारा। धक्का-मुक्की की गई। कई साइकिलों के टायर के हवा निकाल दिए गए। बाइक सवार से बकझक हुई।

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महानगर अध्यक्ष कुमारी ममता एवं सचिव ज्योति कुमारी के नेतृत्व में सैकड़ों सेविकाओं ने मुशहरी सदर सीडीपीओ कार्यालय के नजदीक स्टेशन रोड मुख्य सड़क को जाम कर दिया। सेविकाएं सड़क पर ही धरने पर बैठ गई। इस दौरान सरकार से मानदेय वृद्धि की मांग की गई। सेविकाओं के समर्थन में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रमई राम भी सामने आ गए। स्टेशन रोड में जारी धराना पर वे बैठ गए और उनकी मांगों के समर्थन में नारे लगाए। साथ ही सरकार से इनकी मांगों को अविलंब पूरा करने पर बल दिया।

हमलोगों की ट्रेन छूट जाएगी, जाने दीजिए प्लीज

हमलोगों की टे्रन छूट जाएगी, प्लीज हमलोगों को जाने दीजिए। रिक्शा पर सवार दंपत्ति बार-बार सेविकाओं से गुहार करता रहा, मगर सेविकाएं नहीं मानी। निराश होकर रिक्शा छोडऩा पड़ा। यात्रा का सामान कंधे पर लाद कर जंक्शन की ओर बढ़ गए। इसी तरह स्कूटी सवार एक छात्रा भी जाने देने के लिए गिड़गिड़ाती रही, मगर उसे भी निराश होकर पीछे हटना पड़ा।

पूर्व मंत्री-अन्य आंदोलनकारियों का सहयोग, बैठ गए धरना पर

सेविकाओं के चक्का जाम के दौरान बिहार बंद समर्थकों का जुलूस वहां पहुंचा। सरकार के विरोध में सेविकाओं को समर्थन देने की बात पर जुलूस को रास्ता दिया गया। पूर्व मंत्री रमई राम सेविकाओं के पक्ष में वहीं बैठ गए। उसके बाद कई बंद समर्थक सरकार के विरोध में नारेबाजी करने लगे।

मानदेय वृद्धि तक न काम करेंगे न करने देंगे का नारा

सेविकाओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने मानदेय में वृद्धि की है। राज्य सरकार भी मानदेय में 50 फीसद की वृद्धि करें। इसका लिखित आश्वासन मिलेगा तब ही आंदोलन स्थगित होगा। ऐसा नहीं करने पर न खुद आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन करेंगे और न जीविका या अन्य को करने देंगे।  


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