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गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने महाकवि जानकीवल्लभ शास्त्री के इलाज का कराया था इंतजाम

एक अप्रैल 2011 को दोनों मंत्री एक साथ पहुंचे थे। लोक प्रसिद्ध पंचकन्या पर केन्द्रित पुस्तक की रचना में इनदिनों थीं व्यस्त। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की करती रहती थी चिंता ले रही थीं फीडबैक। छठ के बाद उनका यहां पर आने का कार्यक्रम तय था।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 07:58 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 07:58 AM (IST)
गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने महाकवि जानकीवल्लभ शास्त्री के इलाज का कराया था इंतजाम
उनके कंठ में सदा पारंपारिक लोकगीत बसता था। फाइल फोटो

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। महाकवि जानकीवल्लभ शास्त्री जब बीमार थे तो इसकी जानकारी मिलने पर डाॅ.मृदुला सिन्हा ने उस समय की तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे व कला संस्कृति मंत्री सुखदा पाण्डेय को अवगत कराईं। एक अप्रैल 2011 को दोनों मंत्री एक साथ पहुंचे। उनका हालचाल लिया।

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उनकी मदद की। डाॅ.सिन्हा से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए कवि संजय पंकज कहते हैं कि साहित्यकार, कलाकार व लेखक प्रति उनके अंदर गहरी संवेदना रहती थी। डा.पंकज ने कहते है कि उनके बुलावे पर दिल्ली व गोवा में जाकर मंच संचालन करने का अवसर मिला। यहां जब भी आई साथ रहते थे। इधर बिहार चुनाव को लेकर वह नियमित चर्चा करती रहती थी। छठ के बाद उनको यहां पर आने का कार्यक्रम तय था। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह पहले उनसे लंबी बातचीत हुई।

लोक प्रसिद्ध पंच कन्या पर किताब

डा.पंकज ने कहा कि इन दिनों वह लोक प्रसिद्ध पंच कन्या कुंती, तारा, मंदोदरी, द्रोपदी व अहिल्या पर पुस्त लिख रही थी। अहिल्या व मंदोदरी पर केन्द्रित पुस्तक का प्रकाशन हो गया है। तीन पुस्तक अभी प्रकाशानाधनी है। पंकज ने कहा कि उनकी लेखनी महिला सशक्तिकरण पर केन्द्रित रही। प्राचीन व पौराणिक काल की जो भी महिलाएं है उनके चरित्र को प्रमाणिक तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि अहिल्या पर जब उनको लिखना था तो उनके साथ दरभंगा जिले में अहिल्या स्थाना जाने का अवसर मिला। वहां पर महिलाओं से बातचीत की तथा उनको लोगगीत सुनाया। उनके कंठ में सदा पारंपारिक लोकगीत बसता था।

मोदी के लिए गीत गाकर जुटाया समर्थन

आरबीबीएम की प्राचार्य डाॅ.ममता रानी कहती है कि 2014 वाले चुनाव में भाजपा की ओर से नरेन्द्र मोदी पीएम के प्रत्याशी थे। उस समय डाॅ.मृदुला सिन्हा उनके समर्थन में आई थी। घर-घर जाकर महिलाओं से समर्थन मांगती। जहां पर महिला समाज एक जगह जुट जाती वहां पर

नरेन्द्र भईया चलले अहेरिया

मृदुला बहिनी देलि आशीष

जियहु ये मोर भईया

जिय भईया लाख बरिस...। गाकर उनके पक्ष में माहौल तैयार करती थी। उन्होंने कहा कि उनका अपने छात्रों से बहुत ही लगाव रहा। 


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