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Case for extortion from judge : फर्जी सिमकार्ड इस्तेमाल करते थे जेल गए पूर्व जिला प्रबंधक

Case for extortion from judge पांच लाख रंगदारी मांगने के मामले में खुला राज। पत्र पर दिया गया मोबाइल नंबर नवगछिया के एक युवक का निकला।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 09:27 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 09:27 AM (IST)
Case for extortion from judge : फर्जी सिमकार्ड इस्तेमाल करते थे जेल गए पूर्व जिला प्रबंधक
Case for extortion from judge : फर्जी सिमकार्ड इस्तेमाल करते थे जेल गए पूर्व जिला प्रबंधक

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जज से रंगदारी मांगने के मामले में जेल भेजे गए एसएफसी के पूर्व जिला प्रबंधक फर्जी नाम पते पर लिए गए सिमकार्ड का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने जब उक्त मोबाइल नंबर का डिटेल्स खंगाला तब सच्चाई खुलकर सामने आई। इस संबंध में आरोपित मनोज राम से पूछताछ की गई। लेकिन, कोई जानकारी नहीं दी।

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पुलिस ने अपने स्तर से पता लगाया तो पाया कि उक्त नंबर दरभंगा सुपौल बाजार के एक युवक के नाम पर दर्ज है। उसके नाम पते का सत्यापन कर पूछताछ करने की कवायद में पुलिस जुट गई है। आशंका जताई जा रही है कि उक्त नंबर या तो चोरी का होगा या फर्जी नाम पते पर लिया गया होगा। इसमें दुकानदार की भी मिलीभगत होगी।

पांच लाख रंगदारी मांगने में गए थे जेल

पांच लाख रंगदारी मांगने में जो पत्र भेजा गया था और उस पर दर्ज मोबाइल नंबर का भी पुलिस ने डिटेल्स खंगाला। उक्त नंबर नवगछिया के एक युवक के नाम पर दर्ज है। इस नंबर से आरोपित के मोबाइल पर कई बार मैसेज भी भेजने का पता पुलिस को जांच के दौरान लगा। बता दें कि गत साल एक जज को पत्र भेजकर पांच लाख की रंगदारी मांगी गई थी। इसी मामले में मनोज राम को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।

नवगछिया में थे कार्यरत

पुलिस जांच में पता लगा कि मनोज राम नवगछिया में भी कार्यरत रहे थे। जिस जज से रंगदारी मांगी गई थी वे भी नवगछिया में रहे थे। अब पुलिस यह पता लगा रही है कि कहीं वहां के कोर्ट में मनोज राम पर कोई केस तो नहीं हुआ था। इधर, आरोपित के घर से पुलिस को एक रजिस्टर मिला था। इसमें पांच सौ से अधिक विभिन्न अधिकारियों का नाम व मोबाइल नंबर दर्ज है। आरोपित एक संस्था से भी जुड़ा हुआ है। उक्त रजिस्टर इसी संस्था की बताई गई है। इस संस्था के अध्यक्ष भी जेल में बंद है।

लिया जाएगा रिमांड पर

एक सप्ताह पूर्व एक जज को पत्र भेजकर 10 लाख रंगदारी की मांग की गई थी। नहीं देने पर गोलियों से छलनी करने की धमकी दी गई थी। इस मामले में भी आरोपित की संलिप्तता सामने आई है। उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की कवायद शुरू कर दी गई है।  


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