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ब‍िहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की हुई थी हत्‍या! राजद नेता डाॅ निशीन्द्र किंजल्क ने प्रकट की आशंका

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश सिंह के बाद राजद नेता ने जननायक को भारत रत्‍न देने की उठ रही मांग के बीच उनकी हत्‍या क‍िए जाने की आशंका प्रकट कर मचा दी सनसनी। सीएम को ल‍िखे पत्र में मृत्‍यु के समय मुंह से झाग न‍िकलने का क‍िया उल्‍लेख।

By Ajit kumarEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 02:02 PM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 02:20 PM (IST)
ब‍िहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की हुई थी हत्‍या! राजद नेता डाॅ निशीन्द्र किंजल्क ने प्रकट की आशंका
कर्पूरी ठाकुर ने चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर हत्या की आशंका जाहिर की थी।

मुजफ्फरपुर, [अमरेंद्र तिवारी]। जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्‍न देने की उठ रही मांग के बीच उनकी हत्‍या क‍िए जाने की आशंका प्रकट कर एक राजद नेता ने सनसनी फैला दी है। वरीय नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रघुवंश सिंह के बाद अब बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य रहे और चिकित्सक डाॅ निशीन्द्र किंजल्क ने पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की मौत की उच्चस्तरीय जांच की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है। उन्‍होंने उनकी मौत के पीछे गहरी साज‍िश की आशंका प्रकट की है। राजद नेता डॉ किंजल्क ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजे पत्र में कहा है क‍ि अपनी मौत से चार साल पहले 11 सितंबर 1984 को कर्पूरी ठाकुर ने बिहार के तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी केके श्रीवास्तव को पत्र लिखकर अपनी हत्या की आशंका जाहिर की थी।

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एक बार उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर का निधन 64 साल की उम्र में 17 फरवरी 1988 को हो गया था। तब एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया था कि प्राण निकलने से पहले उनके मुंह से झाग निकल रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की रहस्यमय परिस्थितियों में सिर्फ़ 64 वर्ष की उम्र में मौत हो गई थी। उन्‍होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।

कर्पूरी ठाकुर की मौत की जांच की मांग निधन के कुछ ही दिन बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व डाॅ रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी की थी। उन्होंने 22 फरवरी 1988 को तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को पत्र लिखकर रहस्यमय मौत की जांच की मांग की। उस पत्र की प्रति बिहार के मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद को भी दी थी।

कर्पूरी ठाकुर की मौत के बाद पत्र-पत्रिकाओं में छपी खबरों में एक प्रत्यक्षदर्शी के हवाले से बताया गया था कि प्राण निकलने से पहले कर्पूरी ठाकुर के मुंह से झाग निकल रहा था। पटना में ही एक नेता के यहां उनकी हत्या की साजिश रचे जाने की सूचना कपिल देव सिंह व रामलखन सिंह यादव द्वारा कर्पूरी ठाकुर को दिए जाने की बात भी आई थी। राजद नेता ने सवाल उठाया है कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मामले की जांच कराकर रहस्यमय मौत पर से पर्दा उठाने की कोशिश करेंगे? भारत रत्न दिए जाने की मांग करने वाले विपक्ष के नेता भी जांच को लेकर सरकार पर दबाव डालने की कोशिश करेंगे? उनका कहना है क‍ि इस रहस्य से तो पर्दा उठना ही चाहिए।

किंजल्क ने कर्पूरी ठाकुर द्वारा तत्कालीन मुख्य सचिव केके श्रीवास्तव को 11 सितंबर 1984 को लिखे गोपनीय पत्र का भी हवाला दिया है जिसमें कर्पूरी ठाकुर ने अपनी जान पर खतरा व किसी षड्यंत्र की आशंका व्यक्त की थी। डाॅ किंजल्क ने इस जांच को तीन महीने में संपन्न करवाकर इसकी रिपोर्ट को बिहार की जनता के सामने रखने की भी मांग की है। डाॅ किंजल्क ने पत्र के दूसरे भाग में काफ़ी अर्से से लम्बित कर्पूरी ठाकुर के ग्राम स्वरोज़गार योजना को भी शीघ्र लागू करने की मांग की है। इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक हुनर के माध्यम से जीवन यापन करने वाले मुख्य रूप से अत्यंत पिछड़ा वर्ग व महादलित वर्ग के बेरोज़गार लोगों को प्रशिक्षण व स्वरोज़गार के लिए आर्थिक सहयोग व सस्ते दर पर ऋण उपलब्ध कराने की जरूरत पर बल दिया गया है। 


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