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मुजफ्फरपुर में लगातार दूसरी बार बाबा गरीबनाथ पर नहीं चढ़ेगा कांवर, भक्तों का प्रवेश वर्जित

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए लगाई गई रोक रुद्राभिषेक भी नहीं होगा पुजारी या महंत नियमित करेंगे पूजा बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पं.विनय पाठक ने कहा कि श्रावण मास में मंदिर में भक्तों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहेगा।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 10:08 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 10:08 AM (IST)
मुजफ्फरपुर में लगातार दूसरी बार बाबा गरीबनाथ पर नहीं चढ़ेगा कांवर, भक्तों का प्रवेश वर्जित
कोरोना संक्रमण को देखते हुए बाबा गरीबनाथ मंद‍िर में प्रवेश पर रोक।

मुजफ्फरपुर, जासं। जिले के प्रसिद्ध बाबा गरीबनाथ पर लगातार दूसरे वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण श्रावणी मेला का आयोजन नहीं हो सकेगा। इस कारण भक्त बाबा पर कांवर भी नहीं चढ़ा सकेंगे। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से सोमवार को जारी निर्देश के बाद मंदिर प्रशासन की ओर से यह जानकारी दी गई है। बताया गया कि कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर श्रावणी मेला पर रोक लगाई गई है। बाबा गरीबनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी पं.विनय पाठक ने कहा कि श्रावण मास में मंदिर में भक्तों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहेगा। मंदिर में रुद्राभिषेक भी नहीं होगा। केवल मंदिर के पुजारी व महंत नियमित पूजा कर सकेंगे। बताया कि 1959 में पहली बार पहलेजा से कुछ लोगों ने जल लाकर बाबा गरीबनाथ पर जलाभिषेक किया था। तब से 2019 तक बिना रुके प्रत्येक वर्ष बाबा पर लाखों श्रद्धालुओं ने कांवर चढ़ाया। 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण 61 वर्षों से चली आ रही परंपरा भक्तों की स्वास्थ्य रक्षा को देखते हुए रोकनी पड़ी। पं.विनय पाठक ने बताया कि चारों सोमवारी पर बाबा गरीबनाथ का चावल, फल, फूल और बर्फ से अदभुत श्रृंगार किया जाएगा।

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मंदिर के बाहर नहीं लगाएं अनावश्यक भीड़

 पं.विनय पाठक ने भक्तों से अपील की है कि श्रावण में बाबा भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है। खासकर चारों सोमवारी पर भक्तों की भीड़ मंदिर में उमड़ती है। इस वर्ष भी कोरोना संक्रमण के कारण भक्त बाबा गरीबनाथ का दर्शन नहीं कर सकेंगे। कहा कि भक्त बाबा गरीबनाथ को हृदय में धारण कर घर में ही पूजा करें। आसपास के मंदिर में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए जा सकते हैं।

77 किमी तय कर बाबा पर जलाभिषेक करते थे श्रद्धालु :

श्रावण मास की चारों सोमवारी पर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आकर भक्त पहलेजा से 77 किलोमीटर पैदल तय कर बाबा पर कांवर चढ़ाते थे। रविवार की शाम से ही भक्तों का हुजूम उमडऩे लगता था। मध्य रात्रि में बाबा गरीबनाथ के जयघोष से शहर से गांव तक माहौल शिवमय हो जाता था। सुबह तक कतार में खड़े होकर भक्त बाबा पर जलाभिषेक कर समस्त कामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करते थे।

सूबे के सभी प्रमुख मंदिरों में कांवर चढ़ाने पर रोक :

बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेश कुमार जैन ने कहा कि सावन में राज्य के अधिकांश शिव मंदिरों में कांवड़ यात्रा होती है। इस दौरान मंदिरों में काफी संख्या में लोग शिवङ्क्षलग पर जलाभिषेक करने जाते हैं। कई मंदिरों में सावन मेला का भी आयोजन होता है। आम लोगों के लिए सावन में शिव मंदिरों के दरवाजे बंद रहेंगे। राज्य के प्रमुख शिव मंदिरों में मुजफ्फरपुर स्थित गरीबनाथ धाम, दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान, सोनपुर का हरिहर नाथ मंदिर, पटना जिले के बिहटा स्थित बिहटेश्वर नाथ मंदिर, बैकठपुर स्थित बैकुंठनाथ शिव मंदिर में इस वर्ष सावन में कांवर यात्रा नहीं होगी।


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