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Muzaffarpur flood News : जिले में बाढ़ ने ढाया सितम तो उजड़ गया खुशियों का गुलशन

Muzaffarpur flood News बाढ़ बारिश और कोरोना के बीच जिंदगी की जद्दोजहद। चार दिनों से सैलाब का कहर झेल रहे मुजफ्फरपुर के बाढ़ पीडि़त।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 10:07 AM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 10:07 AM (IST)
Muzaffarpur flood News : जिले में बाढ़ ने ढाया सितम तो उजड़ गया खुशियों का गुलशन
Muzaffarpur flood News : जिले में बाढ़ ने ढाया सितम तो उजड़ गया खुशियों का गुलशन

मुजफ्फरपुर, [नीरज कुमार] । पहले कोरोना वायरस ने लोगों की खुशियां निगलीं, फिर आसमान से बरसी आफत ने जिंदगी को बदरंग कर दिया। हजारों की आबादी बूढ़ी गंडक के कहर से बेघर हो गई है। आशियाना तो डूबा ही, इसमें रखे सामान भी बर्बाद हो गए। अहियापुर, आश्रयघाट, अखाड़ाघाट के अलावा विजय छपरा, कोल्हुआ, ठीकहा व पैगंबरपुर इलाके के तकरीबन साढ़े छह सौ परिवार चार दिनों से बूढ़ी गंडक के तटबंध पर पनाह लिए हुए हैं। कुछ बाढ़ पीडि़त हाईवे और जीरोमाइल के इलाके में हैं। प्रशासन की ओर से भोजन समेत अन्य सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा, लेकिन यह नाकाफी है। बड़ी संख्या में पीडि़त अब भी राहत पाने से वंचित हैं।

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पॉलीथिन तान मवेश के साथ रह रहे पीडि़त

शहर से सटे अहियापुर क्षेत्र के विजय छपरा के तटबंध पर एक ही परिवार के आठ-दस लोग मवेशी के साथ पॉलीथिन के नीचे रह रहे हैं। बहुत से आसमान के नीचे रहने को विवश हैं। सांप-बिच्छू का खौफ है। अरुण सहनी बताते हैं कि दो दिन बाद राहत की खेप पहुंची। दीपक साह बताते हैं कि लंबे समय से लोग जर्जर तटबंध की मरम्मत की गुहार लगा रहे थे। लेकिन, प्रशासन ने नहीं सुनी। लिहाजा टूट गया। निरंजन सहनी ने कहा कि जून में अधिवक्ता अरुण पांडे के निर्देशन में विषहर स्थान के पास श्रमदान से बांध बनाने का निर्णय लिया गया। सदातपुर मुखिया अनिल चौबे ने श्रमदान की शुरुआत भी की। लेकिन, मौसम ने साथ नहीं दिया।

20 हजार की आबादी हर साल होती प्रभावित

बूढ़ी गंडक के किनारे बसे लस्करीपुर, सदातपुर, पैगंबरपुर कोल्हुआ पंचायतों की करीब 20 हजार की आबादी बाढ़ से हर साल प्रभावित होती है। वर्ष 2017 में भी बूढ़ी गंडक ने तबाही मचाई थी। लेकिन, बाढ़ के बाद प्रशासन ने सुध नहीं ली। इधर, अहियापुर, आश्रयघाट, शेरपुर ढाब व अखाड़ाघाट में भी यही हाल है। लोग पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं।

सामुदायिक राहत शिविर में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा

जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी कमल सिंह ने कहा कि जिले के 13 प्रखंडों की साढ़े 12 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में है। प्रशासनिक स्तर पर सामुदायिक राहत शिविर लगाकर भोजन उपलब्ध कराया जा रहा। दवा और इलाज की सुविधा है। जिन इलाकों में लोग फंसे हैं, वहां एनडीआरएफ और एसडीआरफ की टीमें सुरक्षित निकाल रही हैं।


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