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बाढ़ आती है तो गांव से बाहर चले जाते हैं लोग

मुजफ्फरपुर। औराई व कटरा प्रखंड की सीमा पर अवस्थित महेशवारा पंचायत कई समस्याओं से जूझ रही है। चैनपुर

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 11:42 AM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 11:42 AM (IST)
बाढ़ आती है तो गांव से बाहर चले जाते हैं लोग
बाढ़ आती है तो गांव से बाहर चले जाते हैं लोग

मुजफ्फरपुर। औराई व कटरा प्रखंड की सीमा पर अवस्थित महेशवारा पंचायत कई समस्याओं से जूझ रही है। चैनपुर गाव के ढाई सौ महादलित विस्थापित परिवार खानाबदोश की जिंदगी जी रहे हैं। बाढ़ आती है तो ये लोग बागमती परियोजना दक्षिणी बाध पर चले जाते हैं और वहा रहकर अपना जीवन बसर करते हैं। फिर बाढ़ जाने के बाद गाव में जाकर पुराने घर की मरम्मत कर वहा पर रहते हैं। गाव में बेरोजगारों की लंबी फौज है।

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शिक्षण व्यवस्था चौपट : विद्यालयों में शिक्षक की कमी है। शिक्षकों को मध्याह्न भोजन में लगाने के कारण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाती है। पंचायत में उच्च विद्यालय नहीं रहने के कारण 5 से 7 किलोमीटर दूरी तय कर छात्र एवं छात्राओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ता है। बच्चे अब पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय धर्मपुर एवं प्राथमिक विद्यालय महिसौथा जोंकी में सिर्फ एक शिक्षक हैं। दो विद्यालय भूमि रहने के बावजूद भूमिहीन है।

तीन तालाबों को जीर्णोद्धार की तलाश : महेशवारा पंचायत में तीन तालाब है जो जीर्णोद्धार की तलाश में है। पंचायत में लगभग सड़कें तो बन गई हैं, परंतु बरसात के समय में लोगों को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।

बदल रही पंचायत की सूरत : इस पंचायत में लगभग 40 फीसद लोग अनुसूचित जाति से आते हैं। यह पंचायत पूर्व में आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से बहुत पिछड़ा था। विगत कुछ वषरें में विकास का काम हुआ है और पंचायत में खुशहाली आ रही है। वर्तमान स्थिति में प्रखंड प्रशासन एवं स्थानीय मुखिया द्वारा शौचालय निर्माण हेतु लोगों को प्रेरित करने से शौचालय की प्रगति देखी जा रही है। इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा योजना पंचायत में दम तोड़ रही है। कमोबेश आवास निर्माण का यही हाल है।

पुनर्वास की उम्मीद : पंचायत के चैनपुर गाव के लगभग ढाई सौ परिवार पुनर्वास की आस लगाए बैठे हैं और महादलित परिवार खानाबदोश की जिंदगी जी रहे हैं। बताया जाता है कि इनलोगों को जहा घर था वह जमीन इनके नाम पर नहीं थी जिस कारण इन लोगों को आज तक मुआवजे की राशि नहीं मिली और न ही पुनर्वास की जमीन मिल पाई है। कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधि व विपक्ष द्वारा प्रखंड में धरना- प्रदर्शन भी किया गया। बावजूद अबतक किसी की नजर इस पर नहीं है। इस पंचायत में 5 राजस्व ग्राम है जिसमें महिसौथा ,चैनपुर, धर्मपुर देवरा असली ,महेशवारा है।

कहते हैं ग्रामीण

डॉक्टर विनय कुमार का कहना है कि पंचायत में विकास तेजी से होना चाहिए।

मुकेश राम ने कहा कि महादलितों के उत्थान के लिए सरकार को विशेष कार्यक्त्रम चलाना चाहिए।

सागर राय ने कहा कि सरकार को कृषि के क्षेत्र मे उन्नत ढंग से सहयोग की आवश्यकता है।

हीरा राय ने कहा कि भूमिहीनों के पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए ।

जगदीश ठाकुर ने कहा कि पंचायत में एक बैंक की स्थापना की जानी चाहिए।

बोले मुखिया

सरकार द्वारा समुचित राशि निर्गत नहीं होने से विकास तेजी से नहीं हो पा रहा है, अपने स्तर से प्रयास जारी है। पंचायत के सर्वागीण विकास के लिए प्रयास करता रहूंगा।

रामस्वारथ राम, मुखिया। ग्राम पंचायत एक नजर में

जनसंख्या 6,000

मतदाता 35 00

मंदिर एक

स्कूल आठ

स्वास्थ्य केंद्र 1

वार्ड 7

आगनबाड़ी केंद्र 5

ग्रेजुएट 18

इंटर 65

मैट्रिक 100।

यह थे उपस्थित

संजीव राय, मुरारी राय, मनोज पासवान, जगदीश ठाकुर, ललन यादव ,श्याम राय, बैद्यनाथ मांझी ,महेश्वर मांझी ,नंद किशोर पासवान, फेकन सहनी, मनोज दास, वीणा देवी, उप मुखिया कुंती देवी, फूल कुमारी देवी, कमलेश राम, शिवसागर मंडल, मनोज राय, श्यामसुंदर राय ,केसर राम ,शकर मांझी, गरीब मांझी, राजीव कुमार आदि।


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