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Muzaffarpur Flood News: लकड़ीढ़ाई, सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट, शेरपुर ढाव, मिठनसराय समेत कई इलाकों में फैला बाढ़ का पानी

Muzaffarpur Flood News कोल्हुआ पैगंबरपुर मुस्तफापुर सकरीपुर में बाढ़ से हालत गंभीर। खुले आसमान के नीचे कोरोना संक्रमण और बाढ़ का खौफ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 27 Jul 2020 09:01 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 09:01 AM (IST)
Muzaffarpur Flood News: लकड़ीढ़ाई, सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट, शेरपुर ढाव, मिठनसराय समेत कई इलाकों में फैला बाढ़ का पानी
Muzaffarpur Flood News: लकड़ीढ़ाई, सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट, शेरपुर ढाव, मिठनसराय समेत कई इलाकों में फैला बाढ़ का पानी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Muzaffarpur Flood News: कोरोना वायरस के मौजूदा दौर में जिले में बाढ़ का कहर जारी है। तबाही का दायरा रोजाना बढ़ रहा है। कोरोना के कहर और बाढ़ के सितम के बीच लाखों ङ्क्षजदगानी मंझधार में फंस कर रह गई है। सबसे बुरा हाल शहर और आसपास के इलाकों का है। शहर के लकड़ीढ़ाई, सिकंदरपुर, अखाड़ाघाट, शेरपुर ढ़ाव, मिठनसराय, कोल्हुआ पैगंबरपुर, मुस्तफापुर, सकरीपुर में बाढ़ से हालत गंभीर है।

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ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे लोग

बूढ़ी गंडक नदी की गोद में बसे इलाकों के लोग घर छोड़ माल मवेशी के साथ तटबंध और ऊंचे स्थानों पर पलायन कर गए हैं। खुले आसमान के नीचे माल-मवेशी के साथ वक्त काट रहे हैं। वह भी सामूहिक रूप से। मुस्तफापुर की सईदा खातून ने बताया कि साहब अब कोरोना से मरे या फिर पानी में डूबकर। मो. इब्राहिम ने बताया कि अब तक कोई देखने नही आया। न अधिकारी और नही जन प्रतिनिधि। मो. उजाले ने कहा कि कोरोना और बाढ़ मिलकर गरीब की जिंदगी का इम्तहान ले रहे हैं। गरीबनाथ ने बताया कि मिठनसराय, कोल्हुआ पैगंबरपुर, मुस्तफापुर, सकरीपुर में हालत काफी खराब है। अब तक कोई दर्द बांटने तक नहीं पहुंचा है। कहा कि साहब अब तो जिंदगी बोझ बन गई है।

लोगों का घर बाढ़ के पानी में बह गया

उधर, पैगंबरपुर के रमेश सहनी, दिनेश सहनी और अर्जुन सहनी ने बताया कि बूढ़ी गंडक नदी का तटबंध दशकों से जर्जर है। मरम्मत के नाम पर हर साल रेनकट भरे जाते रहे हैं। इस बार नदी की गोद में बसे लोगों के लिए बूढ़ी गंडक नदी तबाही का सबब बन गई है। लोगों का घर समेत सर्वस्व बाढ़ के पानी में बह गया है। लोग बेबसी के बीच ङ्क्षजदगी काट रहे हैं। बताया कि दुख इस बात का है कि अबतक कोई दर्द बांटने तक नहीं आया है। उधर, राम संजीवन राय और अनमोल सहनी ने बताया कि कट जाएगा यह दौर भी साहब। गरीबों को केवल उपर वाले से शिकवा है और उसी से उम्मीद भी। जख्म भी उसी ने दिया है, दवा भी वही देगा।  


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