दरभंगा शहर में घुसा बाढ़ का पानी, जरूरी सामानों की खरीदारी के लिए मारामारी
इमलीघाट स्थित मंदिर परिसर में बाढ़ का पानी आ जाने से आसपास के लोगों की मुश्किलें बढ़ीं। बागमती रफ्तार में। वार्ड आठ और नौ के निवासी जरूरी सामानों की कर रहे खरीदारी।
दरभंगा, जेएनएन। बागमती नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण इन दिनों शहरी क्षेत्र के वार्ड आठ और नौ बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। शहरी के निचले इलाकों में सुमार इन वार्डों में प्रत्येक साल बाढ़ कहर बनकर आती है। बीते दो दिनों के अंदर बागमती नदी का जलस्तर तीन से चार फीट बढऩे से शुभंकरपुर इमलीघाट स्थित मंदिर परिसर में पानी प्रवेश कर चुका है। वहीं रत्तनोपट्टी के निचले इलाके नावघाट के चौर में बाढ़ का पानी आ चुका है। बता दें कि इमली घाट स्थित नाली से और चौर के इलाकों से बागमती नदी का पानी गांव में प्रवेश करता है। इमलीघाट स्थित नाली को मिट्टी की बोरियों से सील किया जा रहा है।
नावघाट के चौर में बाढ़ का पानी
मोहल्ले के निवासी विष्णु देव ने बताया कि अभी तक लोगों के घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश नहीं कर पाया है। हालांकि, रत्तनोपट्टी स्थित नावघाट के चौर में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। अभी तक प्रशासन की ओर से कोई मुक्कमल व्यवस्था नहीं की गई है। शुभंकरपुर निवासी अमित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शुक्रवार की सुबह से बागमती नदी का पानी इमलीघाट स्थित मंदिर परिसर में प्रवेश कर रहा है। बागमती के पानी में रफ्तार है। शुक्रवार की सुबह से लेकर शाम तक बागमती नदी में दो फीट तक पानी की वृद्धि हुई है। अगर ऐसे ही लगातार बागमती उफान पर ररी तो एक से दो दिनों के अंदर गांव में पूरी तरह बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाएगा। शुभंकरपुर निवासी महावीर राउत ने बताया कि गांव में इमलीघाट स्थित नाली से बाढ़ का पानी प्रवेश कर पूरे शुभंकरपुर और रत्नोपट्टी को प्रभावित करता है। शत्रुघ्न पाठक की माने तो गांव सो गुजरने वाली बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि अच्छा संकेत नहीं है। इस बार भी लोगों को बाढ़ का सितम झेलना पर सकता है।