मुजफ्फरपुर शहर पर के लिए बाढ़ का खतरा और बढ़ा, बूढ़ी गंडक का जलस्तर पहुंचा उच्चतम स्तर पर
मंगलवार की दोपहर सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर डैंजर लेबल 52.53 मीटर से 1.14 सेमी अधिक 53.67 मीटर दर्ज किया गया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लगातार हो रही बारिश से गंडक, बूढ़ी गंडक और बागमती की धाराओं में उफान आ गया है। बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते मुजफ्फरपुर शहर पर बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। इसके अलावा कांटी और बंदरा में भी बूढ़ी गंडक का कहर बढ़ रहा है। मंगलवार की दोपहर सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर डैंजर लेबल 52.53 मीटर से 1.14 सेमी अधिक 53.67 मीटर दर्ज किया गया। कटौझा में बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 1.57 सेमी उपर 55.30 मीटर, बेनीबाद में खतरे के निशान से 0.97 सेमी उपर 49.65 मीटर और रेवाघाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरें के निशान से 40 सेमी उपर 54.54 मीटर दर्ज किया गया है। डीएम के निर्देश पर जल संसाधन, गंडक और आपदा प्रबंधन की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी है। इसी बीच मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। उधर, जिले की 13 प्रख्ंडों की छह लाख की आबादी बाढ़ की गिरफ्त में आ गई है।
सकरा में डूबने से मां-बेटी की मौत
सकरा प्रखंड के बेझा बंगरी चौर में बाढ़ के पानी में डूबने से मां-बेटी की मौत हो गई। बताया गया कि वैशाली जिले के बलीगांव चंदपुरा पतेपुर गांव निवासी बबिता देवी अपनी पुत्री स्वीटि के साथ बेझा बंगरी अपने बहनोई रामप्रवेश राय के घर सोमवार की शाम जा रही थी। दोनों बेझा बंगरी चौर पहुंची तो स्वीटि की पैर फिसल गई और वह कदाने नदी की तेज धार में डूबने लगी। उसे बचाने के क्रम में बबिता देवी भी डूब गई। इसकी जानकारी मंगलवार की सुबह रामप्रवेश राय को हुई तो दोनों की खोजबीन शुरू की जाने लगी। काफी खोज के बाद ग्रामीणों ने दोपहर में दोनों का शव बरामद किया।