उत्तर बिहार में बाढ़-बारिश से तीन लाख 61 हजार एकड़ फसल को नुकसान
मुजफ्फरपुर में तकरीबन 72 करोड़ 91 लाख 65 हजार रुपये की फसलें बर्बाद हुई हैं। धान एवं मक्के की फसल को 33 फीसद से अधिक का नुकसान हुआ है। सर्वाधिक नुकसान कुढऩी प्रखंड में 9222 हेक्टेयर में हुआ है। इसके बाद बोचहां कांटी सरैया सहित अन्य प्रखंडों में हुआ है।
मुजफ्फरपुर, जाटी। बाढ़-बारिश के चलते उत्तर बिहार में खरीफ की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। तकरीबन तीन लाख 61 हजार 397 एकड़ में फसलें बर्बाद हुई हैं। सबसे अधिक नुकसान मुजफ्फरपुर (एक लाख 34 हजार 948 एकड़) और समस्तीपुर (एक लाख 30 हजार 910) में हुआ है। इस बार मानसून सही समय पर आने के चलते समय से खरीफ की फसलों की बोआई हुई। धान का बिचड़ा भी समय से पड़ा और रोपनी हो गई, लेकिन अधिक बारिश से अच्छा-खासा नुकसान पहुंचा है।
धान व मक्के की 33 फीसद फसल बर्बाद
मुजफ्फरपुर में तकरीबन 72 करोड़ 91 लाख 65 हजार रुपये की फसलें बर्बाद हुई हैं। धान एवं मक्के की फसल को 33 फीसद से अधिक का नुकसान हुआ है। सर्वाधिक नुकसान कुढऩी प्रखंड में 9222 हेक्टेयर में हुआ है। इसके बाद बोचहां, कांटी, सरैया सहित अन्य प्रखंडों में हुआ है। सकरा और मड़वन में नुकसान नहीं होने की रिपोर्ट है।
क्षति का लिया जा रहा जायजा
समस्तीपुर में कृषि विभाग क्षति का आकलन कर रहा है। 30 फीसद से अधिक की क्षति की स्थिति में किसानों को अधिकतम 13 हजार 500 रुपये व न्यूनतम छह हजार 800 रुपये मुआवजा दिया जाएगा। जिला कृषि पदाधिकारी विकास कुमार का कहना है कि पानी निकलने के बाद ही सही आकलन हो सकेगा। सीतामढ़ी में डुमरा, चोरौत, सुरसंड, रुन्नीसैदपुर, बेलसंड, पुपरी और बाजपट्टी प्रखंड में सर्वाधिक 70 फीसद फसल को नुकसान पहुंचा है। करीब डेढ़ लाख किसान प्रभावित हुए हैं। 15 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। कृषि विभाग पहले चरण की रिपोर्ट भेज चुका है। जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार यादव का कहना है कि अंतिम रूप से नुकसान के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
मधुबनी में दो करोड़ का नुकसान
मधुबनी के बेनीपट्टी, बिस्फी, बासोपट्टी एवं खजौली प्रखंड में आठ हजार से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं। दो करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। शिवहर के पिपराही प्रखंड में सर्वाधिक दो हजार एकड़ में नुकसान हुआ है। पश्चिम चंपारण के मझौलिया के किसान धन्नू ओझा एवं आनंद कुमार का कहना है कि अधिक बारिश व जलजमाव से धान व गन्ने की फसल बर्बाद हो गई है। मोतिहारी के जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार निरीक्षण कर फसल क्षति की पुष्टि करेंगे, फिर मुआवजा मिलेगा।
कहां कितने एकड़ में नुकसान
जिला : प्रभावित फसल एकड़ में
मुजफ्फरपुर : 1,34,948
समस्तीपुर : 1,30,910
पश्चिम चंपारण : 35,600
मधुबनी : 25,366
मोतिहारी : 23,573
सीतामढ़ी : 7000
शिवहर : 4000
कुल क्षति : 3,61,397
तोरी व मटर की खेती कर सकते किसान
कृषि विज्ञान केंद्र, माधोपुर के कृषि विज्ञानी डा. धीरू तिवारी के अनुसार नुकसान की भरपाई के लिए किसान सितंबर में तोरी की खेती कर सकते हैं। पीटी-303 प्रजाति के बीज का चुनाव फायदेमंद होगा। यह 90 दिनों में तैयार हो जाती है। मटर की अगेती प्रजातियों की खेती अक्टूबर में की जा सकती है। यह 55-65 दिनों में ही तैयार हो जाती हैं। इसके बाद गेहूं की पछेत प्रजाति की खेती हो सकती है।