Move to Jagran APP

Muzaffarpur flood : जिले में बाढ़ का प्रकोप और तेज, अब जिंदगी बचाने के लिए जद्दोजहद शुरू

Muzaffarpur flood बागमती गंडक और बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान के पार। लखनदेई और मनुषमारा के जलस्तर में भी वृद्धि जारी। जिले की 25 हजार की आबादी बाढ़ की गिरफ्त में।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 02:29 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 02:29 PM (IST)
Muzaffarpur flood : जिले में बाढ़ का प्रकोप और तेज, अब जिंदगी बचाने के लिए जद्दोजहद शुरू
Muzaffarpur flood : जिले में बाढ़ का प्रकोप और तेज, अब जिंदगी बचाने के लिए जद्दोजहद शुरू

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Muzaffarpur flood : आसमान से जारी आफत की बारिश के बाद अब जिले में सैलाब का सितम तेज हो गया है। बारिश और सैलाब के बीच उजडऩे-बसने का गम लिए लोग विस्थापन का दंश झेलने को विवश हैं। खेतों में लगी फसलों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। कहीं नाव पर जिंदगी तो कही चचरी के सहारे लोग जान हथेली पर रख कर आवागमन कर रहे हैं। प्रशासनिक स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी है। लेकिन अब तक यह नाकाफी है। हालत यह है कि गुरुवार तक 10 हजार की आबादी बाढ़ की गिरफ्त में थी, शुक्रवार के यह आंकड़ा बढ़कर 25 हजार तक पहुंच गया।

loksabha election banner

10 प्रखंडों में बाढ़ की तबाही

कोरोना वायरस के कहर के बीच जिले के 10 प्रखंडों में बाढ़ की तबाही का दायरा बढ़ता जा रहा है। वहीं अब बाढ़ प्रभावित इलाकों औराई, कटरा, साहेबगंज, गायघाट, मीनापुर आदि इलाकों में ङ्क्षजदगी की जद्दोजहद शुरू हो गई है। सिंकदरपुर कुंडल में लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं।

खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियां

नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र समेत इलाके में लगातार जारी बारिश के चलते नदियों में आए उफान से जिले में बाढ़ का संकट लगातार गहराता जा रहा है। बागमती, गंडक, बूढ़ी गंडक, लखनदेई व मनुषमारा नदियां लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। बूढ़ी गंडक के जलस्तर में लगातार जारी वृद्धि से शहर के कई इलाकों में बाढ़ का पानी परेशानी का सबब बन गया है। शहर के कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया है। जल संसाधन विभाग, गंडक, आपदा प्रबंधन और जिला प्रशासन की टीम लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रही है।

बूढ़ी गंडक का जलस्तर 52.85 मीटर

शुक्रवार को तमाम नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर रहा। बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार रहा। सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर 52.85 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरे का निशान 52.53 मीटर है। जबकि, गंडक नदी खतरे के निशान से 0.62 सेमी ऊपर बहती रही। रेवाघाट में गंडक का जलस्तर वृद्धि के साथ 55.03 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरे का निशान से 54.41 मीटर है। औराई के कटौझा में बागमती खतरे के निशान से 3.33 मीटर ऊपर बह रही है। हालांकि, यहां जलस्तर में 0.9 सेमी की हल्की गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को यहां का जलस्तर 57.06 मीटर रहा। जबकि, बेनीबाद में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान से 0.21 सेमी अधिक 49.68 मीटर दर्ज किया गया।

अभियंता प्रमुख ने जारी किया निर्देश, प्रशासनिक टीम कर रही कैंप

जिले में बाढ़ से हालात लगातार गंभीर हो रहे हैं। इस दौरान तटबंधों की सुरक्षा बड़ी चुनौती बन कर उभरी है। लिहाजा प्रशासनिक स्तर पर तटबंधों की मजबूती के प्रयास जारी है। जल संसाधन विभाग की अभियंताओं की टीम औराई व कटरा में कैंप कर रही है। वहीं गंडक की टीम मुशहरी और कांटी के इलाकों में कैंप कर रही है। इधर, जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख ने तटबंधों पर पूरी नजर रखने का आदेश दिया है। जल संसाधन विभाग, मुजफ्फरपुर के मुख्य अभियंता शांति रंजन शर्मा ने बताया कि कटौझा में जलस्तर में कमी आई है। तत्काल सभी तटबंध सुरक्षित हैं। अभियंताओं की टीम पूरी नजर रख रही है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.