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छात्र अंकुर प्रजापति अपहरण मामले में पांच दोषियों को आजीवन कारावास Muzaffarpur News

ढाई साल पहले स्कूल जाते समय बोचहां थाना क्षेत्र से अंकुर का कर लिया गया था अपहरण। अपहर्ताओं ने अंकुर को मुक्त करने के लिए मांगी थी सात लाख की फिरौती।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 10:57 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 10:57 PM (IST)
छात्र अंकुर प्रजापति अपहरण मामले में पांच दोषियों को आजीवन कारावास Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। दो साल पहले बोचहां के गोपालपुर गोपाल गांव के छात्र अंकुर प्रजापति अपहरण मामले के पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इनमें बोचहां थाने के रोशी गांव के सुनील कुमार, दरभंगा जिला के बनौली गांव के गणेश चौधरी, गायघाट थाना के चोरनिया निवासी रवि चौधरी, गोपालपुर गोपाल गांव के संजय कुमार व राजीव कुमार शामिल हैं। सभी को दस-दस हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। इसे नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी। 

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 मामले के सत्र विचारण के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) एसके पांडेय ने सभी को दोषी करार दिया। इसमें राजीव जेल में बंद है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक राजीव रंजन राजू ने कोर्ट के समक्ष 13 साक्षियों को पेश किया। इसमें अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार ने उनका सहयोग किया। 

22 घंटे बाद समस्तीपुर से कराया मुक्त

घटना 24 अप्रैल 2017 की है। बोचहां थाना क्षेत्र के गोपालपुर गोपाल गांव के शत्रुघ्न कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उसने कहा था कि 15 वर्षीय पुत्र अंकुर प्रजापति शहर के अखाड़ाघाट रोड स्थित एक निजी विद्यालय का छात्र है। सुबह विद्यालय के लिए निकला, लेकिन दोपहर एक बजे तक घर नहीं लौटा। उसकी खोजबीन की जा रही थी तभी उसकी मां के मोबाइल पर अज्ञात कॉल आई। इसमें अंकुर का अपहरण किए जाने की बात कही गई। उसे मुक्त करने के लिए सात लाख रुपये फिरौती की मांग की गई। 20 घंटे के अंदर फिरौती की राशि निर्धारित स्थान पर नहीं पहुंचाने पर हत्या की धमकी दी थी। पुलिस ने 22 घंटे के अंदर समस्तीपुर से अंकुर को मुक्त करा लिया था। इस दौरान आरोपितों की गिरफ्तारी की गई थी। 

स्कूल पहुंचाने के बहाने किया था अपहरण

24 अप्रैल की सुबह स्कूल जाने के लिए अंकुर जैसे ही घर से निकलकर एनएच पर पहुंचा। वहां उसका पड़ोसी राजीव बोलेरो के साथ खड़ा था। उसे स्कूल पहुंचाने का झांसा देकर बोलेरो में बैठा लिया और बाद में अपहरण कर समस्तीपुर के मोहनपुर पोखरैरा ले गया। अपहर्ताओं ने उसे यातना भी दी। उसे नशा का इंजेक्शन देकर बेहोश कर दिया। प्यास लगने पर उसके मुंह में मोजा ठूंस दिया था। 

कॉल डिटेल से अपहर्ता तक पहुंची पुलिस

अंकुर के पिता शत्रुघ्न कुमार से जिस मोबाइल से सात लाख की फिरौती मांगी गई। पुलिस ने उसका कॉल डिटेल खंगालते हुए गायघाट के चोरनिया गांव के रवि चौधरी को कटरा के कटाई गांव में जाकर पकड़ लिया। उसकी निशानदेही पर समस्तीपुर के मोहनपुर पोखरैरा गांव से अंकुर को सकुशल बरामद किया। वहां से दो अपहर्ता गणेश व सुनील भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। बाद में राजीव को भी गिरफ्तार कर लिया गया। अपहरण की घटना में प्रयुक्त बोलेरो को भी जब्त कर लिया गया। 

जिस बोलेरो से अपहरण किया उसी से माता-पिता को घुमाता रहा

राजीव व अन्य अपहर्ताओं ने जिस बोलेरो से अंकुर का अपहरण किया था बाद में उसी से उसके माता-पिता को थाना व एसएसपी ऑफिस तक घुमाता रहा। बोलेरो राजीव ही ड्राइव करता था, ताकि दोनों की गतिविधियों पर नजर रख सकें। उसने सलाह भी दी थी कि पुलिस के चक्कर में न पड़कर फिरौती की राशि की व्यवस्था करें। 

माता-पिता ने कहा न्याय मिला

अंकुर की शिक्षक मां कुमारी कांति व शिक्षक पिता शत्रुघ्न कुमार ने बताया कि उन्हें न्याय मिला है। कोर्ट के फैसले से दोनों खुश हैं। केस की सुनवाई के दौरान उसे काफी धमकी दी गई, लेकिन दोनों नहीं झुके। गांववालों ने भी उनका भरपूर साथ दिया। घटना को देखने वालों ने कोर्ट में आकर गवाही दी। इससे पांचों को सजा मिली।  


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