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बाढ़ पीड़ितों ने सीओ का अर्थी जुलूस निकाला फूंका पुतला

बाढ़ राहत की माग को लेकर बुधवार को कुढ़नी प्रखंड की किशुनपुर मधबवन पंचायत की महिलाओं ने प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में सीओ का अर्थी जुलुस निकाल कर पुतला फूंका।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 01:30 AM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 01:30 AM (IST)
बाढ़ पीड़ितों ने सीओ का अर्थी जुलूस निकाला फूंका पुतला
बाढ़ पीड़ितों ने सीओ का अर्थी जुलूस निकाला फूंका पुतला

मुजफ्फरपुर : बाढ़ राहत की माग को लेकर बुधवार को कुढ़नी प्रखंड की किशुनपुर मधबवन पंचायत की महिलाओं ने प्रखंड एवं अंचल कार्यालय में सीओ का अर्थी जुलुस निकाल कर पुतला फूंका। इस दौरान सीओ रंभू ठाकुर एवं बीडीओ संजीव कुमार अपने कार्यालय में मैजूद थे। प्रदर्शनकारियों लाठी-डंडे लिए हुए थे। भीड़ को उग्र होते देख सीओ कार्यालय से निकल चहारदीवारी को फादते हुए भाग निकले। अंत में प्रखंड के मेन गेट पर प्रदर्शकारी सीओ का पुतला फूंक कर लौट गए। बताया गया है कि किशुनपुर मधुबन पंचायत के छह वार्ड बाढ़ से प्रभावित है जिन्हें राहत नहीं मिल रही है। सीओ ने बताया कि पंचायत से जो सूची उपलब्ध कराई गई है वह पंचायत अनुश्रवण समिति से अनुमोदित नहीं है। इसके बावजूद आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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एनडीआरएफ की टीम ने पहुंचाई राहत

जिले में तैनात 9 एनडीआरएफ की टीम ने अवनीश कुमार शाही की निगरानी में मुरौल प्रखंड की विभिन्न पंचायतों में मोटर बोट से राहत सामग्री पहुंचाई। इसके अलावा मुशहरी में एएसआइ विद्यासगार मंडल ने विद्युत कर्मियों को आपूर्ति सुचारू करने में मदद की। टीम कमाडर निरीक्षक मालिक कुमार ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी।

आंधी-पानी ने उजाड़ दिया बाढ़ पीड़ितों का आशियाना

गायघाट प्रखंड क्षेत्र में मंगलवार की रात आई आधी व बारिश ने बाढ़ पीड़ितों का आशियाना उजाड़ दिया। घर में पानी भर जाने से सैंकड़ों परिवार अनाज, कपड़े समेत अन्य सामान को लेकर एनएच व ऊंचे स्थानों पर पॉलिथिन शीट की झोपड़ी बनाकर शरण लिए हुए हैं। आधी के साथ हुई तेज बारिश ने इनका निवाला भी छीन लिया। बरूआरी पंजाबी चौक से लेकर मैठी चौक तक एनएच 57 पर लगभग सैकड़ों परिवार दो सप्ताह से विस्थापित हैं। पूर्वी क्षेत्रों में बागमती के जलस्तर में कमी के बाद लोग राहत महसूस कर रहे थे। लेकिन, तेज बारिश ने फिर से इनकी मुश्किलें बढ़ा दी। वहीं प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी इलाकों में बाढ़ की स्थिति यथावत है। बुधवार को जलस्तर में दो से चार इंच की कमी देखी गई, लेकिन पहले जैसे ही संकट बरकरार है।


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