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दीघरा कांड: कांग्रेस नेता धर्मवीर शुक्ला व जाप नेता मुक्तेश्वर सिंह सहित 54 के विरुद्ध प्राथमिकी, लगाया ये आरोप

Muzaffarpur Dighara case मुशहरी के सीओ ने सदर थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी कथित डकैती व अपहरण के बाद चार सितंबर को सड़क जाम का मामला। इसमें 54 नामजद और सौ अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 09:33 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 09:33 PM (IST)
दीघरा कांड: कांग्रेस नेता धर्मवीर शुक्ला व जाप नेता मुक्तेश्वर सिंह सहित 54 के विरुद्ध प्राथमिकी, लगाया ये आरोप
मुशहरी के सीओ ने सदर थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। सदर थाना के दीघरा में कथित डकैती के दौरान किशोरी के अपहरण के विरोध में सड़क जाम व हंगामा करने के आरोप में  कांग्रेस नेता धर्मवीर शुक्ला, जाप नेता मुक्तेश्वर सिंह सहित 54 नामजद और सौ अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। यह प्राथमिकी मुशहरी के सीओ सुधांशु शेखर ने दर्ज कराई है। इसमें किशोरी के पिता शंभू पांडेय को भी आरोपित बनाया गया है। थानाध्यक्ष संजीव सिंह निराला ने बताया कि नामजद सभी आरोपितों का सत्यापन किया गया है। आरोपितों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। 

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प्राथमिकी में यह लगाया आरोप

प्राथमिकी में सीओ ने कहा है कि उन्हें चार सितंबर को सूचना मिली कि दीघरा में एनएच जाम कर आवागमन बाधित कर दिया गया है। वहां हंगामा व प्रदर्शन किया जा रहा है। सूचना पर वे वहां पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन कोई वे और उग्र हो गए और उनके तथा पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार करने लगे। स्थिति बिगडऩे पर वरीय पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। तब जाकर जाम समाप्त हुआ।

इनपर दर्ज हुई प्राथमिकी  

किशोरी के पिता शंभू पांडेय, कांग्रेस नेता धर्मवीर शुक्ला, जाप नेता मुक्तेश्वर सिंह, शंभू कुमार चौधरी, रंजीत कुमार पांडेय, नंद कुमार झा, सुनील कुमार चौधरी, अरविन्द चौधरी, अर्जुन कुमार चौधरी, अनिज कुमार चौधरी, प्रवीण कुमार चौधरी, मनीष कुमार, गौतम कुमार, विक्रम कुमार, आर्यन राज, सुमन कुमार, राजीव कुमार, नंद कुमार चौधरी, विशाल कुमार, आलोक कुमार, रामाशंकर चौधरी, अभिराम कुमार, अरविन्द कुमार, सुरेश कुमार पांडेय, विपुल कुमार, अविनाश कुमार, कपिलदेव पांडेय, आदित्य कुमार, रवींद्र पांडेय, शत्रुघ्न पांडेय, संतोष पांडेय, हिमांशु कुमार, विकास कुमार,अजय पांडेय, रामदयाल पांडेय, अर्जुन पांडेय, अंगद पांडेय, शिवजी पांडेय,विनोद कुमार चौधरी, अमरनाथ चौधरी, रामनरेश मिश्रा, अनिल कुमार मिश्रा,  चंदन कुमार, विनोद कुमार चौधरी, पंकज कुमार मिश्रा, सत्यम कुमार, विनीत कुमार, आयुष भारद्वाज, उत्तम कुमार, शिवम कुमार, अरविन्दकुमार, प्रफुल्ल कुमार, ओमप्रकाश शाही व रामकुमार चौधरी सहित अन्य शामिल हैं।

डकैती और अपहरण की रची थी झूठी कहानी  

दीघरा रामपुर साह गांव के किराना व्यवसायी शंभू पांडेय ने तीन सितंबर की रात घर में डकैती और बेटी को अगवा किए जाने की झूठी कहानी गढ़ी थी। हालांकि लोगों को यह सही लगा और विरोध में सड़क पर उतरे थे। पुलिस जांच में मामला प्रेम प्रसंग का निकला। पुलिस ने कारोबारी की बेटी को अपने प्रेमी के साथ दिल्ली के वजीराबाद से बरामद किया। दोनों ने शादी कर ली थी। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया। कारोबारी की बेटी को कोर्ट ने पटना के उत्तर रक्षागृह व उसके अपहरण के आरोपित दीपक कुमार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।

 इस बारे में कांग्रेस नेता घर्मवीर शुक्ला ने कहा कि प्राथमिकी में उनका व एक अन्य व्यक्ति का नाम बाद में जोड़ा गया है। खैर पुलिस ने जो किया वो उसका काम है। वे सिर्फ यह कहना चाहते हैं कि उस दिन जाम में घटनास्थल या मुजफ्फरपुर में होने को पुलिस साबित कर दे तो वे खुद अपने आप को पुुलिस के हवाले कर देंगे। इस तरह किसी राजनीतिक व सम्मानित व्यक्ति को बदनाम करना और उसके मान-सम्मान से खिलवाड़ करना कहां तक उचित है। 

 वहीं, जाप नेता मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह मुकेश ने कहा कि घटना के समय या दिन घटनास्थल पर तथा गांव में वे तथा कांग्रेस नेता धर्मवीर शुक्ला नहीं गए थे। उन दोनों की वहां उपस्थिति या संलिप्तता का साक्ष्य मिल जाए तो वे आत्मसमर्पण कर देंगे। वे हर सुनवाई को स्वीकार करेंगे। इस मामले में गांव के गरीब, निरीह व कमजोर लोगों आरोपित बनाया गया है। ऐसा राजनीतिक विद्वेष व पक्षपात के तहत किया गया है।  


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