पांचवीं व आठवीं फेल बच्चों को दुबारा मिलेगा मौका
विशेष शिक्षण (रेमेडियल टीचिंग) व्यवस्था शुरू करने का आदेश अपर मुख्य सचिव ने डीईओ को पत्र भेज अनुपालन का दिया निर्देश ।
मुजफ्फरपुर,जेएनएन । बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में पढऩे वाले पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को अनिवार्य रूप से वार्षिक परीक्षा देनी होगी। किसी कारण से फेल बच्चों को भी रोका नहीं जाएगा। उनको परीक्षा देने का दुबारा मौका मिलेगा। बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन)नियमावली 2019 में यह प्रावधान किया गया है। विशेष शिक्षण (रेमेडियल टीचिंग) व्यवस्था शुरू करने का आदेश दिया गया है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने जिला शिक्षा अधीक्षक सहित शिक्षा विभाग से जुड़े पदाधिकारियों को पत्र भेजकर शीघ्र अनुपालन करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चे किसी कारण से अनुत्तीर्ण हो गए हैं। उनके लिए अप्रैल-मई 2019 में विशेष शिक्षण की व्यवस्था करनी है। विशेष शिक्षक लगाकर पढ़ाई पूरी करायी जाए। जून माह में पूरक परीक्षा आहूत की गई है।
बता दें कि शिक्षा के अधिकार कानून लागू होने के बाद यह प्रावधान किया गया है। पहली से आठवीं कक्षा तक में किसी बच्चे को रोका नहीं जाएगा। कोई भी किसी कक्षा में पास-फेल नहीं होगा, बल्कि उनको प्रोन्नत किया जाएगा। किसी भी बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण होने तक विद्यालय से निष्कासित नहीं किया जाएगा। केन्द्र सरकार के आरटीई एक्ट में बदलाव करने के बाद इन दोनों कक्षाओं में वार्षिक परीक्षा को अनिवार्य कर दिया है।
विद्यालय प्रबंधन को इस दिशा में ध्यान देने को कहा गया है ताकि ऐसे बच्चों में हीन भावना नहीं पनपे।
राज्य के 13 जिले, अररिया, अरवल, जहानाबाद, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, मुंगेर, नालंदा, पटना, पूर्णिया, सहरसा, सुपौल एवं वैशाली में वर्ग तीन एवं पांच के छात्र-छात्राओं के लिए प्रथम सहयोग से विशेष शिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।