मुजफ्फरपुर में वसंत उत्सव में बही लोकगीतों की बयार, झूमते रहे लोग
सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार की ओर से बुधवार की संध्या वसंत उत्सव मे बिहार के पारंपरिक लोक गीतों की प्रस्तुति से लोक गायिका डॉ.नीतू कुमारी नवगीत ने ऐसी बयार बहाई कि उपस्थित दर्शक झूम उठे।
मुजफ्फरपुर। सांस्कृतिक संस्था नवगीतिका लोक रसधार की ओर से बुधवार की संध्या वसंत उत्सव मे बिहार के पारंपरिक लोक गीतों की प्रस्तुति से लोक गायिका डॉ.नीतू कुमारी नवगीत ने ऐसी बयार बहाई कि उपस्थित दर्शक झूम उठे। नीतू नवगीत ने विद्यापति गीत जय-जय भैरवी से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद मंगल के दाता रउवा बिगड़ी बनाई जी, गौरी के ललना हमरा अंगना में आई जी..। इसके बाद मौसम के अनुकूल उन्होंने कई लोकगीत पेश किए। जिसमें हे शारदे मां अज्ञानता से हमें तार दे मां, वसंत के बहेला बेयरिया ए रामा निमिया के तले, कोयल बिन बगिया ना शोभे राजा, हमरा आम अमराइया बड़ा निक लागेला, कौने रंगे वृन्दा हो वनवां कौने रंगे यमुना, पिपरा के पतवा फुनूंगिया डोले रे ननदी, वोईसे डोले जियरा हमार छोटी ननदी आदि प्रमुख रहे। भरत सिंह भारती लिखित देवी पचरा.. चलली गंगोत्री से गंगा मइया जग के करे उद्धार उन लोगों ने खूब पसंद किया। कहा कि बिहार के लोकगीतों में माटी की सोंधी खुशबू समाई हुई है। ये गीत हमारी विरासत का हिस्सा हैं। इसलिए इन्हें सहेजना, संवारना और अगली पीढ़ी तक पहुंचाना हम सबकी जिम्मेदारी हैं। कार्यक्रम का संचालन एंकर रिया राजेशा ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी प्रणव कुमार, क्षेत्रीय रेल प्रशिक्षण संस्थान के वरिष्ठ प्राचार्य प्रमोद कुमार, छाया कुमारी, राष्ट्रीय युवा विकास परिषद के अध्यक्ष किसलय किशोर, गिरिराज सिंह फैंस क्लब के बिहार अध्यक्ष राजीव कुमार और देवांशु किशोर ने किया। जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि गीत-संगीत जीवन में जीवंतता का संचार करते हैं। इससे दिनभर की थकान को भूलकर लोग जीवन का आनंद लेते हैं। कला के क्षेत्र में बिहार के कलाकारों ने काफी योगदान दिया है। प्रशासन की ओर से भी कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।