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सीतामढ़ी में बेटे के हत्यारोपी पिता को सुनाई उम्र कैद की सजा, गर्दन काट की थी बेटे की हत्या Muzaffarpur News

फास्ट ट्रैक कोर्ट दो के न्यायाधीश आरपी ठाकुर ने सुनाई सजा। आरोपी को कोर्ट ने लगाया पांच हजार रुपये का जुर्माना। 14 जुलाई 2016 को फरसा से गर्दन काट बेटे की हत्या का आरोप।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 02 Dec 2019 07:48 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 07:48 PM (IST)
सीतामढ़ी में बेटे के हत्यारोपी पिता को सुनाई उम्र कैद की सजा, गर्दन काट की थी बेटे की हत्या Muzaffarpur News
सीतामढ़ी में बेटे के हत्यारोपी पिता को सुनाई उम्र कैद की सजा, गर्दन काट की थी बेटे की हत्या Muzaffarpur News

सीतामढ़ी, जेएनएन। फास्ट ट्रैक कोर्ट (एफटीसी) दो के न्यायाधीश आरपी ठाकुर ने बेटे की गर्दन काट हत्याकांड में आरोपी पिता रीगा थाने के समोधी टोल निवासी रामधनी पटेल को कसूरवार पाकर उम्र कैद की सजा सुनाई है। पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने 29 नवंबर को रामधनी पटेल को दोषी करार दिया था। वहीं सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए सोमवार की तिथि तय की थी। सोमवार को न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद उक्त सजा सुनाई।

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 मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक कामेश्वर प्रसाद ने पक्ष रखा। बताते चलें कि 14 जुलाई, 2016 को रीगा थाना क्षेत्र के समोधी टोल में रामधनी पटेल ने फरसा के प्रहार से अपने 15 वर्षीय पुत्र चंदन कुमार की गर्दन काट कर निर्मम हत्या कर दी थी। घटना की बाबत मृतक के मामा शंभु पटेल ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

 जिसमें बताया था कि वह अपने भांजा चंदन को पढ़ाई के लिए रुपये भेजता था। जबकि, चंदन का पिता उससे रुपये छीन लेता था। उस दिन भी रामधनी पटेल ने चंदन से रुपये छीनने की कोशिश की। विरोध करने पर रामधनी पटेल ने फरसा से गर्दन काट चंदन की हत्या कर दी। लोगों की भीड़ उमडऩे पर रामधनी पटेल हाथ में फरसा लेकर गांव से पश्चिम की ओर भाग निकला। 

मोतिहारी के संदीप हत्याकांड में पिता-पुत्र को उम्रकैद

मोतिहारी सोलहवें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कृष्ण मोहन तिवारी ने चर्चित संदीप हत्याकांड में नामजद अभियुक्त पिता-पुत्र को आजीवन कारावास व प्रत्येक को 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। संदीप की प्रेम प्रसंग के कारण हत्या क गई थी। जिसे यह सजा दी गई वह पिपराकोठी थाना क्षेत्र के सुरूजपुर निवासी मंजूर आलम व उसका पुत्र शमशाद आलम है। इसको लेकर बंजरिया थाना क्षेत्र के सिंहिया हीवन निवासी पृथ्वीनाथ प्रसाद ने नगर थाना प्राथमिकी दर्ज कराते हुए मंजूर आलम सहित सात को नामजद किया था।

 प्राथमिकी में बताया गया था कि उसका पुत्र संदीप कुमार अलमीरा बनाने का कार्य करता था। इस बीच उसे मंजूर आलम की पुत्री से प्रेम हो गया। मंजूर की पुत्री भी संदीप से शादी करना चाहती थी। परंतु संदीप ने शादी से इंकार कर दिया। इसी बात को लेकर मंजूर व अन्य नामजद लोग काफी नाराज थे। उनलोगों ने उसके पुत्र की हत्या करने की धमकी भी दी थी। नौ नवंबर 2017 की रात मंजूर आलम व उसकी पुत्री ने फोन कर उसके पुत्र को अपने घर पर बुलाया।

 इसी दौरान वहां जाने पर रात में ही नामजद लोगों ने एक षडयंत्र के तहत छुरा मार उसके पुत्र की हत्या कर दी और शव एमएस कॉलेज के मैदान में फेंक दिया। सुबह खबर मिली कि एक युवक का शव एमएस कॉलेज के मैदान में फेंका गया है। वे वहां गये तो देखा कि शव उसके पुत्र संदीप की ही है। एमएस कॉलेज का चतुर्थवर्गीय कर्मी मंजूर आलम सपरिवार कॉलेज कैंपस क्वार्टर में ही रहता था। पुलिस ने अनुसंधान के मंजूर आलम, उसके पुत्र शमशाद आलम व पुत्री के विरूद्ध आरोप पत्र समर्पित किया।

 मामले में आरोपित मंजूर की पुत्री नाबालिग थी, जिसके कारण उसका वाद पृथक होकर किशोर न्यायालय में स्थानांतरित हो गया, जहां वह लंबित है। विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक ललिता प्रसाद ललित ने 8 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने मामले में दोषी पाते हुए पिता-पुत्र को उक्त सजा सुनाई।


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