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शिवहर: बागमती की रेत पर उम्मीद की फसल उगा रहे किसान, सब्जी की खेती शुरू

Sheohar news बागमती की रेत में तरबूज खीरा लौकी और ककरी की खेती शुरू यूपी के अलावा स्थानीय किसान भी इस बार कर रहे खेती बेलवा घाट से डुब्बा घाट के बीच सैकड़ों एकड़ में उपजाऊ भूमि में रेत भर जाने से क‍िसान परेशान थे।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 04:34 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 04:34 PM (IST)
शिवहर: बागमती की रेत पर उम्मीद की फसल उगा रहे किसान, सब्जी की खेती शुरू
बागमती नदी की रेत पर अब सब्‍जी की खेती करने लगे क‍िसान। फोटो-जागरण

शिवहर,{ नीरज}। बागमती नदी की रेत से प्रत्येक साल की तरह इस साल भी उम्मीद की फसल उगाने की तैयारी शुरू हो गई है। एक ओर जहां यूपी के किसान शिवहर पहुंचकर खेती की तैयारी में लग गए है। वहीं यूपी के किसानों की प्रेरणा से स्थानीय किसान भी रेत से तरबूज, खीरा, लौकी आदि की खेती की तैयारी शुरू कर दी है। इस बार पिछले साल की अपेक्षा खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ती दिख रही हैं। इनमें स्थानीय किसानों की संख्या अधिक है।

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खेती छोड़ चुके किसानों में नई उम्मीद

साल दर साल बागमती नदी में आती बाढ़ से पिपराही और पुरनहिया के इलाकों की सैकड़ों एकड़ उपजाऊ भूमि के रेत में तब्दील हो जाने के बाद इलाके के किसान खेती छोड़ चुके थे। शिवहर में बेलवा घाट से डुब्बा घाट के बीच सैकड़ों एकड़ में उपजाऊ भूमि में रेत भर जाने से किसान खेती से मुंह मोडऩे लगे थे। साल 2000 के आसपास यूपी से आए किसानों के समूह ने रेत की जमीन को लीज पर लेकर यहां तरबूज की खेती शुरू की। पैदावार अ'छी हुई। लाभ भी मिला। परिणाम यह हुआ कि यूपी के किसानों का जत्था हर साल ठंड के मौसम में शिवहर स्थित बागमती नदी के रेत पर डेरा डाल देते है।

अप्रैल-मई में फसल तैयार होने के बाद इन्हें बेचकर जून में वापिस लौट जाते है। यूपी के किसान तरबूज को स्थानीय बाजार के अलावा ट्रक से यूपी व बंगाल सहित दूसरे राज्यों के बाजारों में भेजते है। हालांकि, अब स्थानीय किसानों ने खुद की खेती शुरू की है। यहां खेती के लिए नदी की पेटी में बलुई जमीन तैयार करने का काम जारी है।

इस बार यूपी के किसान तो खेती कर हीं रहे है। लेकिन, स्थानीय किसानों ने भी व्यापक पैमाने पर इस बार खेती की तैयारी की है। स्थानीय किसान रामभरोस, जीवलाल राय , धर्मवीर राय बताते हैं कि इस बार हमलोग नई तकनीक से तरबूज की खेती कर रहे हैं।


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