किसानों को ससमय मिले कृषि योजनाओं का लाभ : डीएम
बेहतर खेती व आम किसानों के लाभ के लिए कई कृषि योजनाएं संचालित हैं लेकिन ससमय लाभ नहीं मिलने से योजनाएं महत्वहीन साबित हो रहीं हैं।
मुजफ्फरपुर। बेहतर खेती व आम किसानों के लाभ के लिए कई कृषि योजनाएं संचालित हैं, लेकिन ससमय लाभ नहीं मिलने से योजनाएं महत्वहीन साबित हो रहीं हैं। ऐसे में कृषि पदाधिकारियों का यह दायित्व है कि किसानों को इन योजना का लाभ समय से दिलाएं। ये बातें जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने कही। वे बुधवार को कृषि प्रोद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) के तत्वावधान में आयोजित रबी फसल पर एक दिवसीय कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। संचालन आत्मा के निदेशक मो. इस्माइल ने किया। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों से किसानों को खेती के लिए तकनीकी प्रशिक्षण देने पर जोर दिया। जिला कृषि पदाधिकारी डॉ.के.के.वर्मा ने योजनाओं के लक्ष्य की जानकारी दी। कहा कि इस बार समय पर बीज और खाद उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी है।
जीरो टिलेज से महत्वपूर्ण है गेहूं की खेती : पटना से आए जिले के कृषि प्रभारी वेंकटेश नारायण सिंह ने कहा कि जीरो टिलेज से गेहूं की खेती महत्वपूर्ण है, लेकिन, कृषि समन्वयकों को ध्यान रखने की जरूरत है कि जिन पंचायतों में जीरो टिलेज मशीन है, सूची बनाने में वहीं का नाम डालें। अगर दूसरे पंचायत में बिना टैग किए डाला तो संबंधित कर्मी व पदाधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है।
खेतों में पुआल नहीं जलाने की अपील : संयुक्त निदेशक डॉ. सुरेंद्रनाथ ने किसानों से खेतों में पुआल नहीं जलाने की अपील की। कहा कि यह सिर्फ प्रदूषण के लिए नहीं बल्कि खेतों की उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने के लिए जरूरी है। आयुक्त के सचिव श्याम किशोर ने कहा कि कार्यशाला की सफलता किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंचने में है। मौके पर उप निदेशक कृषि तिरहुत प्रमंडल, कृष्ण बिहारी लीची अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. विशालनाथ, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण गोपाल शरण, उप निदेशक उद्यान संजय सिन्हा, जिला उद्यान पदाधिकारी डॉ. कामता प्रसाद व कृषि वैज्ञानिक निधि कुमारी व किसान नेता वीरेंद्र राय आदि ने विचार व्यक्त किए।