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Muzaffarpur: क‍िसान नेताओं ने कहा- किसान की नहीं काॅरपोरेट की चिंता कर रही मोदी सरकार, छह को होगा चक्का जाम

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति मुजफ्फरपुर के घटक किसान संगठनों से जुडे नेताओं ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार को किसान की नहीं कारपोरेट घराने चिंता है। किसान संगठनों के आह्वान पर 6 फरवरी को देशव्यापी चक्काजाम को सफल बनाया जाएगा।

By Murari KumarEdited By: Published: Fri, 05 Feb 2021 04:28 PM (IST)Updated: Fri, 05 Feb 2021 04:28 PM (IST)
Muzaffarpur: क‍िसान नेताओं ने कहा- किसान की नहीं काॅरपोरेट की चिंता कर रही मोदी सरकार, छह को होगा चक्का जाम
किसान संगठनों द्वारा 6 फरवरी को देशव्यापी चक्काजाम का आह्वान। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, मुजफ्फरपुर के घटक किसान संगठनों से जुडे नेताओं ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार को किसान की नहीं कारपोरेट घराने चिंता है। एसयूसीआई के जिला सचिव अर्जुन कुमार ने कहा कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं हो जाता तबतक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि  शहीद खुदीराम बोस स्मारक स्थल, कंपनीबाग में प्रतिदिन किसान धरना पर बैठकर इस कानून का विरोध जता रहे है।

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 26 जनवरी को मुजफ्फरपुर में आयोजित ट्रैक्टर एवं मोटरसाइकिल रैली से लौट रहे किसान संगठन के कार्यकर्ताओं पर दिघरा में जान लेवा हमला करने वाले असमाजिक तत्वों की अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। प्रशासन हमलावरों को अविलम्ब गिरफ्तार करे की।  हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं होने पर 09 फरवरी को जिलाधिकारी के समक्ष विशाल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है।  किसान संगठनों के आह्वान पर 6 फरवरी को देशव्यापी चक्काजाम आंदोलन को मुजफ्फरपुर में प्रखंड से लेकर शहर तक सफल बनाया जाएगा। इसके लिए व्यापक जन संपर्क एवं प्रचार - प्रसार का निर्णय लिया गया।

देश स्तर पर किसान आंदेलन

उन्होंने कहा कि  किसान आंदोलन पूरे देश भर में फैल चुका है। पूरे देश ज भर के किसान आंदोलन में शिरकत कर रहे हैं इतना ही नहीं आम लोग भी इस आंदोलन में शिरकत कर रहे हैं। इसलिए इस आंदोलन की जीत निश्चित है। सरकार इसे जितना भी दबाने की कोशिश करेगी आंदोलन और काफी तेज होंगे। केन्द्र सरकार तमाम लोकतांत्रिक मर्यादाओं को कुचलते हुए किसान आंदोलन को दबाने के लिए दिल्ली के बोर्डरो पर धरना दे रहे किसानों का बिजली - पानी काट दिया है, इंटरनेट सेवा खत्म कर दिया है। उनके लिए रसद ले जाने का  रास्ता भी रोक दिया है।केंद्र सरकार के इस कुकृत्य की जितनी निंदा की जाए वह कम है। इसके बावजूद आंदोलन बढता ही जा रहा है।


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