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बैंकों के नाम से फर्जी फोन लोगों को बना रहा कंगाल Muzaffarpur News

साइबर माफिया बैंक अधिकारी बन खाते से उड़ा रहे रुपये। डेबिट कार्ड का नंबर पिन आधार पैन कार्ड और ओटीपी नंबर पूछकर खाता कर रहे खाली।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 09:48 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 09:48 AM (IST)
बैंकों के नाम से फर्जी फोन लोगों को बना रहा कंगाल Muzaffarpur News
बैंकों के नाम से फर्जी फोन लोगों को बना रहा कंगाल Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बैंकों के नाम से आनेवाले फर्जी फोन लोगों के खाते से रुपये गोल कर रहे। साइबर माफिया बैंक अधिकारी बनकर डेबिट कार्ड, पिन, आधार कार्ड नंबर व ओटीपी की जानकारी लेकर बैंक खाते से रुपये निकाल रहे। इसमें ऑनलाइन शॉपिंग और कैश ट्रांसफर की भी घटनाएं शामिल हैं। ठगी के शिकार ग्राहक पीड़ा लेकर बैंकों में पहुंच रहे, पर वहां उन्हें आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिल रहा। ये इतने सक्रिय और शातिर हैं कि बैंक के अधिकारियों तक को झांसे में ले लेते। विरोध करने पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते। खाते से रुपये निकलने के बाद खाताधारक या बैंक के पास कार्ड बंद करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता। अब तक इस तरह की शिकायत पर किसी तरह की कार्रवाई का मामला सामने नहीं आया है।

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कॉल पर नहीं दें किसी तरह की जानकारी

इस तरह के अपराध को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंकों ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे ग्राहकों को जागरूक करें। इस आलोक में बैंकों द्वारा लगातार ग्राहकों को जागरूक भी किया जा रहा। सार्वजनिक सूचना और मोबाइल मैसेज के जरिए भी बताया जा रहा कि बैंक कभी फोन कर एटीएम नंबर, पिन, आधार कार्ड, पैन कार्ड व ओटीपी आदि की जानकारी नहीं मांगता। भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक अरुण कुमार ने कहा कि बैंक कॉल कर कभी पर्सनल डिटेल्स नहीं मांगता। ऐसी कॉल आए तो इसकी जानकारी तुंरत अपनी शाखा को दें। फोन करनेवालों को कभी ऐसी जानकारी नहीं दें। बैंक ऑफ इंडिया अधिकारी संघ के प्रदेश संयुक्त महासचिव डॉ. अच्युतानंद ने कहा कि लोग इस तरह के फोन से सावधान रहें।

इन बातों का रखें ध्यान

-डेबिट या क्रेडिट कार्ड गुम होने पर टोल फ्री नंबर पर डायल कर उसे ब्लॉक (बंद) करा दें। दिए गए शिकायत नंबर को नोट कर लें।

-जितना जल्दी मुमकिन हो, बैंक को लिखित में जानकारी देकर उसकी कॉपी रिसीव करा लें।

-अगर डेबिट कार्ड बैंक की किसी शाखा में लगी हो तो मशीन में कार्ड फंसने की स्थिति में अपने फोटो पहचान पत्र के साथ शाखा प्रबंधक से मिलकर कार्ड हासिल कर सकते हैं।

-पिन को डेबिट कार्ड के कवर आदि पर कभी न लिखें।

-एटीएम में कार्ड डाले जाने पर यदि इनवैलिड शो करे तो दोबारा ट्राई करें। कई बार तकनीकी दिक्कत से ऐसा होता है। अगर, यह मैसेज बार-बार आए तो अपने कार्ड को शाखा से रिप्लेस करा लें।

-अगर ट्रांजेक्शन होने पर एटीएम से पैसा नहीं निकले तो स्लिप को संभाल कर रखें। अच्छा होगा, इसकी फोटो कॉपी करा लें।

-नया डेबिट कार्ड मिलने पर सबसे पहले उसके पीछे दिए गए स्पेस पर साइन करें।

-महीने में एक बार अपनी पासबुक में एंट्री जरूर कराएं। अगर, आपके एटीएम ट्रांजेक्शन में कोई गड़बड़ी हुई है तो फौरन ब्रांच मैनेजर को सूचित करें।

-सभी डेबिट कार्ड पर वैलिडिटी तिथि लिखी होती है। इसके खत्म होने से पहले ब्रांच को सूचित कर नया डेबिट कार्ड इश्यू करा लें, वरना ऐसे कार्ड को मशीन जब्त कर लेती है।

-कार्ड से किसी भी तरह हुए गलत ट्रांजेक्शन के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं है। जाने-अनजाने में हुई किसी भी गलती का भुगतान आपको ही करना होगा।

-बैंक की एटीएम से ही पैसा निकालें। ऐसी स्थिति में गड़बड़ी होने पर पैसा अगले वर्किंग डे पर मिल जाएगा, जबकि दूसरे बैंक की एटीएम होने पर वक्त ज्यादा लगता है। 

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