पश्चिम चंपारण के रामनगर में नव वर्ष में बढ़ेंगी सुविधाएंं
नगर परिषद के लिए कुल जनसंख्या 40 हजार होनी चाहिए। 25 वार्ड भी रहने चाहिए। पर नगर पंचायत कार्यालय के सूत्रों की माने तो वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार नपं की जनसंख्या 48 हजार 411 है। जो नगर परिषद के मानकों पर खरा उतरती है।
पश्चिम चंपारण, जासं । नगर पंचायत को अब अपग्रेड कर परिषद का दर्जा मिल चुका है। जिस पर कार्य भी लगभग शुरू हो चुका है। इससे नगरवासियों को भी कई उम्मीदें जगी हैं। इसका कारण यह है कि नगर पंचायत से अधिक आवंटन नगर परिषद को मिलता है। कई नई योजनाएं भी प्रस्ताव में रहती हैं। जो अब तक नगर पंचायत में शामिल नहीं थी। इससे सभी वार्डों में विकास को गति मिलेगी। उल्लेखनीय है कि नगर परिषद के लिए कुल जनसंख्या 40 हजार होनी चाहिए। 25 वार्ड भी रहने चाहिए। पर, नगर पंचायत कार्यालय के सूत्रों की माने तो वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार नपं की जनसंख्या 48 हजार 411 है। जो नगर परिषद के मानकों पर खरा उतरती है। यहां कुल वार्ड 23 ही हैं। अब देखना यह होगा कि किन वार्डों में अतिरिक्त वार्ड बनाए जाते हैं। वैसे सूत्रों की माने तो रामनगर में किसी नजदीकी पंचायत के गांव को जोडऩे का प्रस्ताव फिलहाल नहीं है।
2017 में प्रस्ताव तत्कालीन डीएम को भेजा गया था प्रस्ताव
बता दें कि नपं रामनगर को नगर परिषद के रूप में गठन को लेकर चर्चा बीते तीन चार सालों से चल रही थी। प्रधान सहायक कृष्णा ङ्क्षसह नेपाली ने बताया कि वर्ष 2017 में तत्कालीन डीएम डॉ. नीलेश रामचंद्र देवरे को इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। पर, उस दौरान कार्य आगे नहीं बढ़ सका। जो अब जाकर पूरा हुआ है। वैसे नगर वासियों को इसका लाभ अवश्य मिलेगा।
कहते हैं ईओ
इस संदर्भ में नपं के कार्यपालक पदाधिकारी जितेन्द्र सिन्हा का कहना है कि नगर पंचायत नगर की सबसे छोटी इकाई है। जिसके अनुसार ही एलाटमेंट भी होता है और कार्य भी। नगर परिषद बन जाने से नगर के लोगों को फायदा होगा। मंत्रिमंडल के बैठक से स्वीकृत होने के बाद मिले गाइडलाइन के अनुसार कार्य किया जाएगा। वैसे इससे कई तरह की उम्मीदें की जा सकती हैं। जिससे नगर का विकास होगा।