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बालिका गृह मामले में बचाव पक्ष की ओर से साकेत के विशेष कोर्ट में पेश किए जाएंगे साक्ष्य Muzaffarpur News

अभियोजन साक्ष्य पूरे होने के बाद विशेष कोर्ट ने आरोपितों को बचाव में साक्ष्य पेश करने का दिया आदेश। सोमवार से बचाव में साक्ष्य पेश करने की शुरू होगी प्रक्रिया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 07:48 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 07:48 AM (IST)
बालिका गृह मामले में बचाव पक्ष की ओर से साकेत के विशेष कोर्ट में पेश किए जाएंगे साक्ष्य Muzaffarpur News
बालिका गृह मामले में बचाव पक्ष की ओर से साकेत के विशेष कोर्ट में पेश किए जाएंगे साक्ष्य Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बालिका गृह मामले में अब आरोपितों को अपने बचाव में साक्ष्य पेश करने का आदेश दिया गया है। यह आदेश नई दिल्ली के साकेत स्थित विशेष पॉक्सो कोर्ट ने दिया है। सोमवार से बचाव पक्ष की ओर से साक्ष्य पेश किए जाने की संभावना है।

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अभियोजन साक्ष्य के बाद आरोपितों को मिला मौका

अभियोजन पक्ष की ओर से आरोप पत्र के समर्थन में विशेष कोर्ट में साक्ष्य पेश करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। विशेष कोर्ट ने इसी आधार पर प्रश्नावली तैयार कर आरोपितों से प्रश्न पूछा था। आरोपितों के बयान को दर्ज किया गया था। इसमें आरोपितों ने अपने उपर लगे आरोपों से इन्कार किया था। अब उन्हें अपने बचाव में साक्ष्य पेश करना है। सोमवार को आरोपित डॉ.अश्विनी उर्फ आसमनी की ओर से सफाई साक्ष्य पेश किए जाने की संभावना है। उसकी ओर से बचाव में गवाह पेश किया जा सकता है।

यह है मामला

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट के आधार पर बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने पिछले साल 31 मई को महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। टिस की रिपोर्ट में बालिका गृह में लड़कियों के साथ यौन ङ्क्षहसा की बात कही गई थी। महिला थाना पुलिस ने पिछले साल दो जून को ब्रजेश ठाकुर, चंदा देवी, किरण कुमारी, नेहा कुमारी, मंजू देवी, इंदू कुमारी, हेमा मसीह, मीनू देवी को गिरफ्तार किया था। इन सभी को पिछले साल तीन जून को मुजफ्फरपुर के विशेष कोर्ट के समक्ष पेश किया गया। जहां से सभी को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। बाल कल्याण समिति के तत्कालीन सदस्य विकास कुमार को पिछले साल पांच जून व तत्कालीन बाल संरक्षण पदाधिकारी रवि रोशन को 24 जून को गिरफ्तार किया गया। इन सभी के खिलाफ पिछले साल 26 जुलाई को विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। बाद में सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी। पिछले साल 28 जुलाई से इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। सीबीआइ ने उक्त आरोपितों के अलावा कुल 21 के विरुद्ध विशेष कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था।

इस बारे में आरोपित डॉ.अश्विनी उर्फ आसमनी के अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने कहा कि आरोपित डॉ.अश्विनी उर्फ आसमनी के बचाव में एक निजी वित्तीय कंपनी के प्रबंधक को गवाह के रूप में सोमवार को पेश किया जाएगा। वे स्वयं कोर्ट में उपस्थित होकर उसकी गवाही कराएंगे।


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