अन्न त पानी में डूब गेल, भूजा-चिउरा फांक के रात कटली Muzaffarpur News
सिसवारा में ईंट-भट्ठा पर शरण लिए पीडि़त दाने-दाने को मोहताज। टापू बना गांव तीन दिन बाद राहत के लिए बढ़ी चहल-पहल।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। कटरा का सिसवारा गांव बाढ़ से घिर गया है। गांव के सारे टोले टापू में तब्दील हो गए हैं। गांव से निकलना मुश्किल है। बाढ़ ने धनी-गरीब का फासला पाट दिया है। सबकी हालत एक जैसी। शनिवार की रात बाढ़ आई तो सभी गांव में ही दुबके रहे। नीचे बाढ़ का पानी तो आसमान से झमाझम बारिश। टोला के किनारे-किनारे जिनका घर उनपर ज्यादा आफत।
बाढ़-बरसात से बचने के लिए जिसको जहां ठौर मिला वहां तत्काल शरण ली। गांव में ऊंचे स्थान के साथ ईंट-भठ्ठा शरण स्थली में तब्दील हैं। बुधवार को उस गांव में नाव के सहारे दैनिक जागरण की टीम पहुंची तो लोगों में राहत व बचाव में तेजी आने की आस जगी। कबूतरी देवी बाढ़ में डूबे घर की ओर इशारा करते हुए बोलीं कि तीन दिन बाद अन्न से दर्शन भेल ह साहेब..। सब कुछ डूब गेल..। मंगल व बबलू ने कहा कि भूजा-चिउरा फांक के रात कटली..। सरकार के ओर से अब खिचड़ी मिलल त तनी राहत हई...। ग्रामीण सुरेश पासवान ने कहा कि 48 घंटा बाद गांव से निकलने का साधन मिला। चारो ओर से पानी सब कुछ पैक। दिव्यांग शिबु पासवान ईंट भटठ पर पन्नी टांग के गुजर कर रहे हैं। वहां पर कई परिवार शरण लिये हुए हैं। किशुनी देवी बताती हैं कि बरसात व बाढ़ से तबाही। जलावन तक भींग गया। खाना बनाने में तकलीफ हो रही है।
1987 के बाद अबकी बाढ़
62 साल के प्रबोधन पासवान ने बताया कि 1987 के बाद इस बार की बाढ़ सबसे भयावह है। गांव में आने के लिए चचरी पुल था वह धंस गया। आना-जाना सब बंद। बगल के मांझी टोला में चौकी पर लोग रात काट रहे हैं। जयनंदन पासवान ने बताया कि गांव में आने-जाने के लिए तत्काल नाव चाहिए। गांव में पहुंचे परीक्ष्यमान वरीय उपसमाहर्ता सौरव कुमार ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनकर निदान का आश्वासन दिया। गांव में डा.प्रशांत कुमार की देखरेख में दवा बांटी गई। पवराही टोला की नीरा देवी, समतोला देवी, मालती देवी ने बताया कि गांव में जो ऊंची जगह है वहां पर किसी तरह से खाना बन रहा।
जोगाड़ से चल रही रसोई
सोनपुर के सुधीर राम ने बताया कि गांव में उधार गैस लेकर खाना बन रहा है। गांव के चारो ओर पानी ही पानी है। छत पर लोग शरण लिए हैं। बच्चा बीमार था तो किसी तरह से पानी पार कर नाव के सहारे बाहर निकले। पानी होने से काम नहीं मिल रहा है। सड़क बाढ़ से टूट गई। माधवपुर, गंगैया, सोनपुर जाने के लिए नाव ही सहारा है। ग्रामीण राजीव कुमार झा, वार्ड सदस्य राजकुमार मिश्रा ने बताया कि खाने-पीने पर भी आफत है। बंजारी टोला के लोग भी पानी से घिरे हैं। तत्काल ज्यादा से ज्यादा नाव की व्यवस्था होनी चाहिए। राहत वितरण में तेजी लाने की जरूरत है। हटवरिया टोला में भी लोग नाव पर ही निर्भर हैं।