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पांच साल से सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में गिरावट जारी

लगातार चलाए गए नामांकन अभियान और मिड डे मील योजना के जरिये बच्चों को आकर्षित करने की पहल के बावजूद शिवहर में पिछले पांच साल से साल दर साल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आ रही है।

By DharmendraEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 11:38 AM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 11:38 AM (IST)
पांच साल से सरकारी स्कूलों में बच्चों के नामांकन में गिरावट जारी
श‍िवहर में इस साल कोरोना के चलते नामांकन पूरी तरह प्रभावित हुआ है।

 शिवहर, जासंं। जिले के सरकारी स्कूलों से अभिभावकों का मोहभंग हो रहा है। लगातार चलाए गए नामांकन अभियान और मिड डे मील योजना के जरिये बच्चों को आकर्षित करने की पहल के बावजूद शिवहर में पिछले पांच साल से साल दर साल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या में कमी आ रही है। इस साल कोरोना के चलते नामांकन पूरी तरह प्रभावित हुआ है। लेकिन पिछले पांच साल से हर साल बच्चों की संख्या में कमी आ रही है। आरटीआइ के जवाब में शिक्षा विभाग ने जो आंकड़े उपलब्ध कराए है, वह चिंताजनक है। लोग बताते हैं कि सरकारी स्कूलों में शिक्षक और संसाधनों का अभाव है।

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इलाके में तीसरी कक्षा तक शिक्षा हासिल करने के बाद अभिभावक अपने बच्चों को अन्यत्र भेज देते है। इसकी संख्या 30 फीसद है। जबकि, 20 फीसद बच्चे निजी स्कूलों में दाखिला लेते है। स्कूलों में गिर रहे शिक्षा के स्तर के चलते ही छात्र-छात्राओं ने निजी स्कूलों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि शिवहर में सरकारी स्कूलों की अपेक्षा निजी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगभग दोगुनी है। एक ओर जहां सरकारी स्कूलों में गुणवत्ताहीन शिक्षा और शिक्षकों की उदासीनता के चलते जहां लगातार छात्र छात्राओं संख्या घट रही है, वहीं निजी स्कूलों का प्रभाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि उन गरीब परिवार के बच्चों का भविष्य कैसे संवरेगा जिनके अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाने में असमर्थ हैं। शिवहर नगर पंचायत के वार्ड  14 मिश्रा  टोली  निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्र को सूचना के अधिकार कानून के  तहत  शिक्षा विभाग द्वारा भेजी गई सूचना शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। 

आरटीआइ रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-2016 में कक्षा 1 से 5 में 112034 बच्चों का नामांकन हुआ। वर्ष 2016-2017 में यह संख्या घटकर 103546 हो गई। वर्ष 2017-2018 में नामांकित बच्चों की संख्या 90389 रह गई। 2018-2019 में नामांकित बच्चों की संख्या घटकर 82853 हो गई। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015-2016 में शिवहर के विभिन्न विद्यालयों में कक्षा 6 से कक्षा 8 में नामांकित बच्चों की संख्या 42850, वर्ष  2016-2017 में 43404 , वर्ष 2017-2018 में 43271 और वर्ष 2018-2019 में 44299 रह गया। नौवीं से 12 वीं कक्षा में वर्ष 2015-2016 में 18472 बच्चों का नामांकन किया गया। वर्ष 2016-2017 में यह संख्या 18805 व वर्ष 2017-2018 में 18042 रह गया। वर्ष 2018-19 में कुल नामांकन की संख्या 18622 पर सिमट गई। इस तरह जिले में पहली से 12 वीं तक कुल नामांकित बच्चों की संख्या वर्ष  2015-2016 में 173356 रहा। जो वर्ष 2016-2017 में घटकर 165755 रह गया। वर्ष 2017-2018 में यह संख्या 151702 और वर्ष 2018-2019 में 145774 रह गया ।

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