एईएस प्रभावित गांवों में पढऩे योग्य सभी बच्चों का स्कूलों में नामांकन Muzaffarpur News
03 माह का मिला समय इतने ही समय में छूटे बच्चों का पंजीकरण आंगनबाड़ी केंद्रों में कराने का निर्देश। जिन गांवों में केंद्र नहीं चलते वहां नई योजना का प्रस्ताव भेजने को कहा गया।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। एईएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से प्रभावित गांवों की सूरत तीन माह में बदलने की तैयारी की जा रही है। यहां शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, राशन, मकान व पेयजल की पूरी व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत इन गांवों में वैसे बच्चों की तलाश की जाएगी, जो पढऩे योग्य हैं। मगर, उनका नामांकन विद्यालय में नहीं है। ऐसे बच्चों का तीन माह में स्कूलों में नामांकन कराया जाएगा। वहीं, इतने ही समय में छोटे बच्चों का पंजीकरण आंगनबाड़ी केंद्रों में कराया जाएगा। जिन प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र नहीं हैं, वहां के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।
एईएस पीडि़त 538 परिवारों के आर्थिक, सामाजिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक में जो निर्णय लिए गए उसे पूरा करने के लिए छह विभागों को तीन माह का लक्ष्य दिया गया है। इसके अनुसार जिले के पांच प्रखंडों मीनापुर, बोचहां, कांटी, मोतीपुर व मुशहरी में बीमारी का अधिक प्रकोप रहा।
किस विभाग को मिला क्या जिम्मा
-पांचों प्रखंडों के योग्य परिवारों की पहचान कर मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ। ग्रामीण विकास विभाग को यह जिम्मा दिया गया। वहीं, भूमिहीन परिवारों को सरकार की जमीन उपलब्ध कराना है।
-इन परिवारों में शौचालयों का निर्माण 15 सितंबर तक कराना है।
-इन परिवारों के लोगों को अर्हता के आधार पर जीविकोपार्जन। स्वयं सहायता समूह से इन परिवारों को जोड़ा जाएगा।
- स्वास्थ्य विभाग को सभी लक्षित बच्चों का टीकाकरण करना है।
- पीएचईडी को सभी घरों में हर घर नल योजना से पानी पहुंचाना है।
- खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग को सभी परिवारों को राशन कार्ड व खाद्यान्न उपलब्ध कराना है। इस पर काम शुरू हो चुका है।
- छूटे बच्चों का पंजीकरण आंगनबाड़ी केंद्रों में कराने का जिम्मा समाज कल्याण विभाग को दिया गया है। आवश्यकतानुसार नए केंद्रों का प्रस्ताव भी मांगा गया है। सर्वे में यह बात सामने आई थी कि कई वार्ड में केंद्र नहीं हैं।
- शिक्षा विभाग को स्कूलों में बच्चों के नामांकन का जिम्मा दिया गया।