West Champaran: स्कूलों में नामांकन की संख्या बढ़कर पहुंचा 1.60 लाख तक, लेकिन फिर डराने लगा कोरोना
West Champaran कोरोना के कारण स्कूल बंद होने के बाद भी नामांकन कार्य जारी वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पिछले एक वर्ष से स्कूल और कॉलेज नहीं खुले। छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा दी गई ।
पश्चिम चंपारण, जासं। कोरोना संक्रमण थोड़ा कमा तो स्कूलों के नामांकन में आई थी तेजी, लेकिन एकबार फिर से कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने शुरू हुआ है। बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पिछले एक वर्ष से सभी स्कूल और कॉलेज बंद थे। छात्र-छात्राओं को ऑन लाइन माध्यम से शिक्षा दी गई। टीवी और फेसबुक लाइव के माध्यम से पढ़ाई हुई। इस दौरान तीन बार नामांकन पखवाड़ा भी चलाया गया। लेकिन, छात्र-छात्राओं का संपूर्ण नामांकन नहीं हो सका।
जबकि विद्यालय एक बार फिर से खुले गए तो शिक्षा विभाग ने आठ मार्च से लेकर 26 मार्च तक नामांकन पखवाड़ा चलाया। जिसमें जिले में कक्षा एक से लेकर कक्षा नौ तक छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ। प्रवेशोत्सव विशेष अभियान के तहत जिले में कुल 150592 बच्चे को नामांकित किए गए। प्रवेशोत्व में जहां राज्य में जिले का स्थान चौथा था। लेकिन इसके बावजूद जिले में लक्ष्य से कम ही छात्रों का नाामांकन हैं। जिसके कारण प्रवेशोत्सव समाप्त होने के बाद भी जिले में नामांकन कार्य जारी है। विभाग के एआरपी पंकज मिश्रा बताते हैं कि कोरोना के कारण विद्यालय बंद है, बावजूद नामांकन कार्य जारी है। अब जिले में नामांकित छात्रों की संख्या बढ़कर 160000 तक पहुंच चुकी है।
कक्षा एक में 80 हजार नामांकन का हैं लक्ष्य
शिक्षा विभाग ने कक्षा एक में 80 हजार नामांकन का लक्ष्य रखा है। जबकि प्रवेशोत्सव के दौरान पहली कक्षा में सर्वाधिक 57334 नामांकन हुए थे। जो अब बढ़कर 58286 हो गए हैं। एआरपी पंकज मिश्रा ने बताया कि विभाग द्वारा कुल आबादी जो लक्ष्य रखा गया है। उसका पैमाना कुल छोटो बच्चों की कुल आबादी है। जो जिले में एक लाख 17 हजार है। इसके मुताबिक 80 हजार तक नामांकन का लक्ष्य है। लेकिन इसमें निजी विद्यालय और अनुदान प्राप्त विद्यालयों को नहीं जोड़ा गया है। अगर इन दोनों विद्यालयों को जोड़ा जाता है तो हम लक्ष्य के करीब पहुंच जाते हैं। गौरतलब है कि प्रवेशोत्सव में छठी कक्षा में 32058 तथा नौवीं कक्षा में 23462 नामांकन हुए थे। वहीं दूसरी, तीसरी, चौथी, पांचवी व सातवीं कक्षा में मिलाकर कुल 37738 नामांकन किया गया