LS COLLEGE : गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन पर उतरे कर्मचारी, जानें क्या है पूरा मामला Muzaffarpur News
LS COLLEGE में कार्यालय से लेकर कक्षाएं तक रहीं बाधित। गिरफ्तार कर्मचारी की हालत बिगड़ी बांड पर पुलिस ने छोड़ा।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। लंगट सिंह महाविद्यालय के कर्मचारी की गिरफ्तारी के खिलाफ आंदोलन पर उतरे कर्मचारियों ने कॉलेज को बंद कराते हुए प्राचार्य कार्यालय में ताला लगाते हुए धरना दिया। आंदोलन के कारण वर्ग बाधित हुआ तथा दिनभर कॉलेज में सन्नाटा पसरा रहा। कर्मचारी नेता अपने सहयोगी कि रिहाई की मांग करते रहे। इस बीच पुलिस गिरफ्त में आए कर्मी की हालत बिगडऩे लगी। उसको अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर इलाज हुआ।
प्राचार्य ने की पहल
कर्मचारी नेताओं से बातचीत के बाद प्राचार्य ओपी राय की पहल पर पुलिस ने स्वास्थ्य कारणों से कर्मचारी को थाने से बांड पेपर पर छोड़ा। इस बीच देर शाम कर्मचारियों ने आंदोलन को तत्काल स्थगित किया। शनिवार की सुबह एक बार फिर कर्मचारी संघ की बैठक होगी। उसमें आंदोलन की अगली रणनीति बनेगी। इस संबंध में प्राचार्य डॉ.राय ने बताया कि परीक्षा काम में लगे सारे कर्मियों व शिक्षकों को सजग रहने की जरूरत है। कहीं भी कुछ कमी होगी तथा सामने आएगी तो सख्त एक्शन होगा।
परीक्षा में हेराफेरी का आरोप
साथी की रिहाई को ले आंदोलन बिहार राज्य विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष इन्द्र कुमार दास, मंत्री राजीव कुमार, संरक्षक शशिभूषण प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया कि प्रायोगिक परीक्षा में कॉपी हेराफेरी में कर्मचारी की कहीं से भी कोई गलती नहीं थी। लेकिन उसको जबरदस्ती पुलिस पकड़कर थाने ले गई। धरना में कॉलेज इकाई अध्यक्ष आनंद चक्रपाणी, संयुक्त सचिव बिनोद, कर्मचारी नेता संजय कुमार, भरत शमशेर सिंह, अमर कुमार, संजीव चौधरी, देवनंदन सिंह, कृष्ण कुमार, रमेश महतो, अभय कुमार, परवेज, नाजिया हसन, दिनेश राय आदि शामिल हुए।
इस तरह से चला घटनाक्रम
एलएस कॉलेज के वनस्पति शास्त्र विभाग में प्रायोगिक परीक्षा चल रही थी। उसी समय एक व्यक्ति छात्रा के एडमिड कार्ड पर प्रायोगिक परीक्षा कॉपी के साथ पकड़ा गया। परीक्षक ने पकड़ा तथा इसकी सूचना पुलिस तक पहुंची। छात्रा के एडमिट कार्ड के साथ पकड़े गए व्यक्ति से पूछताछ हुई तो उसने एक बुजुर्ग कर्मचारी की पहचान की। उसके बाद पुलिस दोनों को लेकर थाने ले गई। इस बाबत थानाध्यक्ष रामनाथ प्रसाद ने दोनों से पूछताछ की। कर्मचारी को स्वास्थ्य कारणों से तत्काल बांड पेपर पर छोड़ा गया वहीं एक व्यक्ति को जेल भेजा गया। इस प्रकरण में पुलिस को हेराफेरी में कई अन्य की संलिप्तता की बात आई है।