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मधुबनी के पंडौल में कन्या विवाह योजना के लाभ के लिए आठ वर्षों से टकटकी

Madhubani News प्रखंड के 3300 लाभुक योजना का लाभ लेने के लिए लगा रहे कार्यालय का चक्कर वर्तमान में वर्ष 2011-12 से कन्याओं का भुगतान आवंटन के अभाव में लंबित लापरवाही के चलते इस योजना का यह हाल।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 02:59 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 02:59 PM (IST)
मधुबनी के पंडौल में कन्या विवाह योजना के लाभ के लिए आठ वर्षों से टकटकी
आठ वर्षो से योजना का लाभ पाने के लिए कार्यालय के चक्कर काट रहे लोग। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मधुबनी (पंडौल), जासं। गरीब परिवारों को बेटी की शादी में परेशानी नहीं हो इसके लिए सरकार कन्या विवाह योजना के तहत मदद देती है। लेकिन, प्रखंड के तीन हजार से अधिक लाभुक इसके लाभ के लिए वर्षों से इंतजार कर रहे हैं। ऐसे लाभुक पिछले आठ वर्षो से योजना का लाभ पाने के लिए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।

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कन्या विवाह योजना अंतर्गत नवविवाहितों को पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता सरकार की ओर से दिए जाने का प्रावधान है। प्रखंड मुखिया महासंघ के निवर्तमान प्रखंड अध्यक्ष रामकुमार यादव ने बताया कि उनके यहां एक दर्जन के आसपास लाभुक हैं, जिन्होंने छह साल पूर्व आवेदन किया और आज भी उनको लाभ का इंतजार है।

आवंटन पर भारी पड़ रहा आवेदन

योजना के शुरुआती दिनों से ही विडंबना रही है कि प्रखंड में जिस अनुपात से निबंधन आता है, उस अनुपात में राशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। परिणाम होता है कि इस राशि को पाते-पाते वर्षों गुजर जाते हैं। वर्तमान में वर्ष 2011-12 से कन्याओं का भुगतान आवंटन के अभाव में लंबित है । चूंकि , ऑनलाईन प्रक्रिया से पूर्व लाभुकों को चेक के माध्यम से भुगतान किया जाता था । राशि आवंटन के अभाव में अब तक लगभग 3300 लाभुक उक्त लाभ से वंचित चल रहे हैं । ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया होने के बाद वर्ष 2019 -20 में लगभग 62 लाभुकों का सीधे उनके खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान हुआ था । वर्ष 2020 -21 के कोरोना काल में कार्य बाधित रहा । वर्ष 2021-22 में अब तक लगभग चार दर्जन आवेदन आ चुके हैं , जिसमें से दो दर्जन लाभुकों का ऑनलाइन अपलोड हो चुका है । वर्तमान हालात यह है कि प्रखंड में अब सिर्फ निबंधन किया जाता है। राशि सीधे लाभुकों के खाते में डाली जाती है । लापरवाही के चलते लाभुकों को योजना का लाभ लेेने में हो रही परेशानी ।


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