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मुजफ्फरपुर नगर निगम में जारी हड़ताल से शहर में जमा हुआ आठ सौ टन कूड़ा, नारकीय हालात

कुछ स्थानों से जमा कचरे का उठाव रात में किया जा रहा है। वहीं झाड़ू नहीं लगने से सड़कों पर कचरा फैला हुआ है। सुबह बारिश होने पर नारकीय हालात पैदा हो गया। सड़क पर जमा कचरा बारिश के पानी के कारण सडांध पैदा कर रहे हैं।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 08:06 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 08:06 AM (IST)
मुजफ्फरपुर नगर निगम में जारी हड़ताल से शहर में जमा हुआ आठ सौ टन कूड़ा, नारकीय हालात
वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नगर आयुक्त करा रहे रात्रि सफाई, पार्षद भी इसमें जुटे। फोटो- जागरण

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। नगर निगम का हड़ताल पांचवें दिन भी जारी रहा। शनिवार को भी शहर की साफ-सफाई नहीं हुई। डंपिंग स्थलों पर कचरे का अंबार लग गया है। पांच दिनों से लोगों के घरों एवं दुकानों से निकलने वाले कचरे का निष्पादन नहीं होने से शहर की मुख्य सड़क से लेकर गली-मोहल्लों में आठ सौ टन कचरा जमा हो गया है। शहर से प्रतिदिन डेढ़ से दो सौ टन कचरा निकलता है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत नगर आयुक्त रंजन मैत्रेय रात्रि सफाई करवा रहे है। कुछ स्थानों से जमा कचरे का उठाव रात में किया जा रहा है। वहीं झाड़ू नहीं लगने से सड़कों पर कचरा फैला हुआ है। सुबह बारिश होने पर नारकीय हालात पैदा हो गया। सड़क पर जमा कचरा बारिश के पानी के कारण सडांध पैदा कर रहे हैं। इसके कारण लोगों को जीना मुहाल हो गया है। 

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वहीं पांचवें दिन भी हड़ताली निगमकर्मियों ने संयुक्त मोर्चा के बैनर तले निगम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। मोर्चा के नेता सुशील कुमार ने कहा कि निगम की हड़ताल से शहरवासियों को परेशानी हो रही है लेकिन मजबूर है। हम अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार ने हमेशा निगम कर्मचारियों से काम चाहा लेकिन उनको उनका वाजिब हक नहीं दिया। अमरेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि निगम जो काम करता है वह कोई नहीं कर सकता। लोग गंदगी फैलाते हैं तो हम साफ करते हैं। नाले के गंदे पानी में उतर हम शहरवासियों को जलजमाव से निजात निजात दिलाते हैं। लेकिन बदले में सरकार हमें कुछ नहीं देती। बाध्य होकर आंदोलन करना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती हड़ताल जारी रहेगा।

वार्ड की सफाई में लगे हैं चार पार्षद

हड़ताल के कारण वार्ड में उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए शहर के चार पार्षद स्वयं सफाई कार्य में लगे हैं। वार्ड 27 के पार्षद अजय ओझा, वार्ड 20 के पार्षद संजय कुमार केजरीवाल, वार्ड 21 के पार्षद केपी पप्पू एवं वार्ड 16 के पार्षद पवन राम पिछले पांच दिनों से सुबह व रात्रि में सड़कों एवं गलियों में झाड़ू लगा रहे हैं। नगर आयुक्त द्वारा निजी चालकों की मदद से भेजे गए आटो टिपर की मदद से सफाई कर रहे हैं। अजय ओझा एवं संजय केजरीवाल का कहना है कि वे हड़ताली कर्मचारियों के साथ हैं लेकिन अपने वार्ड की जनता को गंदगी के बीच नहीं छोड़ सकते। इसलिए वे स्वयं वार्ड की सफाई कर रहे हैं।

सड़क पर नहीं फेंके घर एवं दुकान का कचरा

नगर आयुक्त विवेक रंजन मैत्रेय ने कहां कि निगम हड़ताल के कारण शहर की सफाई बाधित है। इसलिए लोग अपने घर एवं दुकानों की सफाई कर कचरा सड़क पर नहीं फेंके। कचरे का डंपिंग स्थल पर डालें ताकि रात्रि में उसका उठाव किया जा सके। सड़क पर कचरा फेंकने से उनको भी नुकसान होगा जो ऐसा कर रहे हैं।

संविदा कर्मियों को लेकर प्रधान सचिव से हुई वार्ता विफल

शनिवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव के साथ राज्यव्यापी हड़ताल का नेतृत्व कर रहे संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता हुई। बैठक के अधिकांश मांगों पर सहमति बन गई लेकिन संविदा पर बहाल कर्मचारियों को लेकर मामला अटक गया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल बिहार लोकल बाडिज इम्पलाइज फेडरेशन के महामंत्री अशोक कुमार सिंह एवं कामगार यूनियन के अध्यक्ष अशोक राय ने कहा कि मोर्चा राज्य के सभी निकायों में कार्यरत संविदा कर्मियों की सेवा स्थायी करने या फिर उनको समाज कार्य के बदल समान वेतन देने की मांग पर अड़ी हुई है। बाद मेें तीन लोगों की एक कमेटी बनाई गई जो इस विषय पर समझौता का रास्ता निकालेगी। उसके बाद फिर प्रधान सचिव के साथ वार्ता होगी।  


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