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West Champaran शिक्षा बजट बनाने में जुटा विभाग, छह अरब का प्रस्ताव भेजने की संभावना

पिछले वर्ष 5.97 अरब का भेजा गया था बजट प्रस्ताव 2020- 21 में शिक्षा विभाग को मिली थी 1.98 अरब की राशि निर्माण कार्य के बजट में कटौती के कारण नहीं हो सका भवनहीन स्कूलों का भवन निर्माण राशि शिक्षा विभाग में चलने वाली विभिन्न योजनाओं से संबंधित हैं।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 06:08 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 06:08 PM (IST)
शैक्षणिक सत्र 2021-22 के बजट बनाने का कार्य अब अंतिम चरण में ।

पश्चिम चंपारण, जासं। शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2021-22 के बजट बनाने का कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस बार भी शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2021-22 के बजट का छह अरब रुपये हो सकता है। इसके लिए यू डायस के द्वारा जिले के सभी विद्यालयों से डाटा का कलेक्शन कर लिया गया है। वहीं बजट की तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है।

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डायस के प्रभारी पारितोष झा ने बताया कि पिछली बार पांच अरब 97 करोड़ रुपये का प्रस्ताव राज्य को बजट के रूप में भेजा गया था। जिसमें से एक अरब 98 करोड़ रुपये की स्वीकृत हुए थे। इसमें से लगभग एक अरब रुपये तो शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पर ही खर्च हो जाते हैं। जबकि इसके बाद की राशि शिक्षा विभााग में चलने वाली विभिन्न योजनाओं से संबंधित हैं। जिसपर पूरे वर्ष खर्च किया जाता है। उन्होंने बताया कि अभी निर्माण क्षेत्र से डाटा का संग्रहण किया जा रहा है। जिसके बाद बजट को तैयाार करके विभाग को भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के फैलाव को देखते हुए बजट के प्रस्ताव को भेजने में अभी देर हो रही है। अन्यथा इसे पहले ही भेज दिया जाना था।

निर्माण क्षेत्र में पहले भी नहीं मिली थी राशि

पिछली बार के बजट में शिक्षा विभाग द्वारा पांच अरब 97 करोड़ रुपये का प्रस्ताव राज्य को भेजा गया था। जिसमें से एक अरब 98 करोड़ रुपये की स्वीकृत हुए थे। इसमें से लगभग एक अरब रुपये तो शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पर ही खर्च हो गये। जबकि इसके बाद की राशि शिक्षा विभााग में चलने वाली विभिान्न योजनाओं पर खर्च हुए। एमआइएस डायस के प्रभारी पारितोष झा ने बताया कि बजट में पिछली बार निर्माण क्षेत्र में होने वाले खर्च पर सबसे ज्यादा कटौती की गई थी। जिले में सिर्फ कुछ शौचालय के निर्माण के लिए ही राशि का अवंटन बजट में किया गया था।


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