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East Champaran: इंडो-नेपाल बार्डर पर पेट्रोल-डीजल की तस्करी, हर रोज 20 लाख तक का धंधा

East Champaran काले कारोबार में पेट्रोलियम तस्कर से लेकर ट्रांसपोर्टर तक शामिल। लाइन होटलों उद्योग-धंधों गैराज व बोतलों में बंद कर होती है बिक्री। भारत में भाव अधिक और नेपाल में कम होने से तस्करी बढ़ गई है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 05:14 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 05:14 PM (IST)
East Champaran: इंडो-नेपाल बार्डर पर पेट्रोल-डीजल की तस्करी, हर रोज 20 लाख तक का धंधा
नेपाल सीमा पर पेट्रोल व डीजल की तस्‍करी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

रक्सौल (पूचं.), {विजय कुमार गिरि}। उत्तर बिहार में नेपाल से जुड़ी सीमा पर पेट्रोल और डीजल की तस्करी हो रही है। इस धंधे में पेट्रोलियम तस्करों के अलावा ट्रांसपोर्टर भी शामिल हैं। इनका जाल चंपारण, मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, शिवहर और दरभंगा में भी फैला हुआ है। भारत की तुलना में नेपाल में डीजल और पेट्रोल का भाव औसतन 25 से 30 रुपये प्रतिलीटर कम है। यही कारण है कि इसकी तस्करी बढ़ी है। नेपाल तेल निगम की मानें तो प्रतिदिन डेढ़ से दो हजार ट्रक, टैंकर व अन्य लग्जरी वाहन बार्डर से होकर निकलते हैं। इधर, रक्सौल पंप संचालक एसोसिएशन के अनुसार, तस्करी का असर उत्तर बिहार के पेट्रोलियम बाजार पर पड़ रहा है। केवल रक्सौल क्षेत्र में पिछले तीन माह में सेल में 60 से 80 फीसद तक की गिरावट आई है।

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अतिरिक्त फ्यूल टैंक में भरा जाता पेट्रोल-डीजल 

सूत्रों के अनुसार, नेपाल-भारत सीमा से होकर आने-जानेवाले मालवाहक ट्रक या टैंकर 1000 से 1500 लीटर का अतिरिक्त फ्यूल टैंक बनवाए हैं। नेपाल से चलते समय उसे भर लेते हैं और भारतीय सीमा में आकर निर्धारित पार्टी को सप्लाई कर देते हैं। चेकपोस्ट या अन्य जगह पकड़े जाने पर लांग टूर में इमरजेंसी फ्यूल का हवाला देते हैं। यह अवैध होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती। अधिकतर ले-देकर मामला निपटा देते हैं।

लाइन होटलों व गैराजों में होती सर्वाधिक बिक्री 

नेपाल से तस्करी कर मंगाए गए पेट्रोल-डीजल की बिक्री हाईवे किनारे लाइन होटलों, उद्योग-धंधों, मोटर गैराज या बोतलों में बंद कर चौक-चौराहों पर होती है। हाईवे पर चलनेवाले बड़े वाहन लाइन होटलों से डीजल की खरीद करते हैं। इनके अलावा ग्रामीण इलाकों से भी गैलन आदि में भरकर तस्करी होती है। नेपाल में अभी डीजल 70 और पेट्रोल 80 रुपये प्रतिलीटर है। भारतीय सीमा में 10 से 15 रुपये के मार्जिन पर क्रमश: 80 से 95 रुपये प्रतिलीटर बेचा जा रहा है। रक्सौल में पेट्रोल पंप डीजल 103.36 और पेट्रोल 111.52 रुपये प्रतिलीटर बिक रहा है। सूत्रों की मानें तो हर रोज 15 से 20 लाख के पेट्रोल और डीजल की भारतीय सीमा में तस्करी हो रही है।

बंद हो गए आधा दर्जन पंप

रक्सौल पंप संचालक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह का कहना है कि तस्करों ने भारतीय कारोबारियों की कमर तोड़ दी है। पहले एक पंप से प्रतिमाह 15 से 20 टैंकर डीजल और पेट्रोल की बिक्री होती थी, अभी दो से टैंकर की सेल है। संगठन के सचिव युगल किशोर सिकरिया व वरिष्ठ सदस्य अताउर्रहमान ने बताया कि रक्सौल नहर पथ पर करीब आधा दर्जन पंप बंद हो गए। इसका एक कारण बिक्री में गिरावट भी है। रक्सौल थानाध्यक्ष शशिभूषण ठाकुर ने कहा कि वाहनों में इस तरह माडिफिकेशन कर अतिरिक्त फ्यूल टैंक लगवाना मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ है। ऐसे वाहनों की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। तस्करी पर रोक लगाई जाएगी।


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