Durga Puja 2020 : इस बार मेले की रौनक नहीं, खिलौना की दुकानों और झूलों को बच्चे बहुत मिस करेंगे
Durga Puja 2020 कोरोना के चलते नहीं मनेगा दशहरा मेला भी नहीं लगेगा। हजारों रुपये का मंगा लिया माल अब सता रही पूंजी फंसने की चिंता। अस्थाई दुकानें नहीं लगने से कुछ लोग फेरी लगाकर सामान बेच पैसा निकालने की लगा रहे जुगत।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। Durga Puja 2020: नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। कोरोना के चलते इसबार घर में ही दशहरा मनेगा। मेला नहीं लगने से खिलौने की दुकानें नहीं सजेंगी और झूला भी नहीं लगेंगे। सड़क किनारे फुटपाथ पर लगने वाली दुकानें भी नजर नहीं आएंगी। खिलौना, झूला, खान-पान स्टॉल वाले अस्थाई दुकान लगाने के बदले घूम-घूम कर सामान बेचने की सोच रहे हैं।
इस बार कमाई चौपाट
मोतीझील स्थित मनोहर खिलौना के दुकानदार अमित कुमार ने कहा कि मेला के दिन दुकान के आगे चौकी लगाकर रंग-बिरंगे खिलौने सजाते थे। बंदूक, गुडिय़ा, गोली, कार आदि विभिन्न तरह के खिलौने खरीदने के लिए बच्चों की भीड़ लगती थी। भैया यह दिखाइए, वह दिखाइए, लेकिन, इस बार यह सुनने को नहीं मिलेगा। मेला नहीं लगने से खिलौना नहीं बिकेंगे। उम्मीद थी कि मेला लगेगा। इसलिए हावड़ा व दिल्ली से नए-नए रंगबिरंगे खिलौने मंगवाए। इसमें पूंजी लगाना बेकार हो गया। इस बार कमाई चौपाट है।
आर्थिक तंगी से जूझना पड़ेगा
देवी मंदिर के पास सड़क किनारे दुकान लगाने वाला महेश कुमार ने कहा कि दशहरा पर मेला लगने की उम्मीद से 50,000 के नए-नए मॉडल के खिलौने मंगाए। अब सड़क किनारे दुकान लगाने पर रोक लग गई। पूंजी निकालने के लिए अस्थाई दुकान के बदले ठेले पर घूम-घूम कर खिलौना बेचने की सोच रहे हैं। छाता चौक निवासी झूलावाले जगदीश व लालबाबू ने कहा कि इसबार बच्चे झूला का आनंद नहीं ले पाएंगे। इसे लगाने का आदेश नहीं है। दशहरा में 10 हजार की कमाई हो जाती थी। वह भी नहीं होगी। आर्थिक तंगी से जूझना पड़ेगा।
छोटी प्रतिमा का भी ऑर्डर नहीं
बिना ऑर्डर के ही प्रतिमा तैयार कर रहे हैं। इनके नवरात्र में बिकने पर आमदनी होने की आस है। हालांकि इस बार छोटी प्रतिमा ही बनाई जा रही हैं। गौशाला चौक के रमेश पंडित ने बताया कि बिना ऑर्डर मां दुर्गा की प्रतिमा बना रहे हैं। पड़ाव पोखर रोड स्थित मूर्तिकार जय प्रकाश ने बताया कि पिछले साल बड़ी प्रतिमाएं बनाकर बेची थी। इससे 80 से 90 हजार तक की कमाई हो गई थी। इसबार प्रतिमा बनाने का ऑर्डर आया, लेकिन प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं मिलने पर कैंसिल हो गया। हजारों रुपये का कपड़ा, मुकुट, गोटा, डिजाइनर, थर्माकोल, पेंट पड़ा है। पूंजी फंस गई है। आजीविका पर संकट है। मालीघाट स्थित मूर्तिकार ने कहा कि इस बार कोई ऑर्डर नहीं है। अधिकारियों ने कहा है कि मूर्ति निर्माण कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे ऑर्डर भी नहीं और मूर्ति भी नहीं बनाई। मूर्तिकार ओम प्रकाश पंडित और नीरज कुमार ने बताया कि बड़ी मूर्ति का ऑर्डर नहीं है। बिना ऑर्डर के ही छोटी मूर्ति बनाई हैं। इनकी बिक्री नहीं होने पर आर्थिक संकट से जूझना पड़ेगा।