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East Champaran: मलाही दियारा के रास्ते रक्सौल तक पहुंचता है नशीले पदार्थों की खेप

बिहार में पूण्र शराबबंदी के बावजूद यहां शराब के कारोबारियों की भी कट रही है चांदी मलाही दियारा के रास्ते मौत के सौदागर सक्रिय हैं। यहां अपराधियों को कोई रोकने टोकने वाला कोई नहीं है। दियारा क्षेत्र के रास्ते दोहरी तस्करी हो रही है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 04:54 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 04:54 PM (IST)
मलाही द‍ियारा के रास्‍ते सक्रिय हैं तस्‍कर। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पूर्वी चंपारण, गोविंदगंज [ रामबालक ठाकुर] । गंडक तटवर्ती मलाही दियारा के रास्ते इन दिनों मौत के सौदागर काफी सक्रिय हो गए है। इस क्षेत्र को वे अपना सुरक्षित चारागाह मान चुके हैं। मानें भी क्यों नहीं उन्हें रोक टोक करने वाला कोई भी नजर नहीं आता। इस दियारा क्षेत्र के रास्ते दोहरी तस्करी हो रही है। सूत्रोंं के अनुसार शराब नशीली दवाएं, स्मैक, ब्राउन शुगर आदि की खेप यूपी से दियारा के रास्ते रक्सौल पहुंचता है और वहां से नेपाल के विभिन्न इलाकों में भेजा जाता है। इसके सेवन से युवा पीढ़ी असमय मौत वाली काल के गाल में जा रहे हैं। यही तस्कर नेपाल से गांजा लेकर इसी गंडक दियारा के रास्ते यूपी और दिल्ली एवं अन्य जगहों पर ले जाते है। यह धंधा बेरोकटोक जारी है। सूत्रों के अनुसार ये तस्कर यूपी के बाराबंकी जिला से ये नशीले पदार्थ का उठाव करते हैं और सीधे गोपालगंज के अरार मोड़ से सीधा दियारा होकर मलाही थाना के बगल में सिमराही ,टेंगराही, नागदाहा घाट पार कर मलाही पहुंचते हैं। फिर यहां के सफेदपोशों के संरक्षण में अरेराज क्षेत्र पार कर हरसिद्धि सुगौली होते हुए रक्सौल पहुंचते है और कारोबारियों तक माल पहुचा दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार खेप वाली गाड़ी से तीन किलोमीटर आगे दो बाइक पर छह व्यक्ति हथियार के साथ पायलेङ्क्षटग करते है और उनके संकेत के मुताबिक गाड़ी बढ़ती जाती है। इस रास्ते आधे दर्जन तस्कर इस धंधे में लिप्त है। हालांकि पूर्व में तस्करों की आपसी वर्चस्व की लड़ाई में कई की जाने भी जा चुकी है।

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इसी रास्ते शराब के कारोबारी भी मलाही में शराब की खेप लाते है और धंधेबाजों को आपूर्ति करते हैं। यही से शराब अरेराज, पहाड़पुर, हरसिधि ,सुगौली तथा जगदीशपुर, नौतन, बैरिया आदि क्षेत्रों में आपूर्ति होता है। जहां तक शराब तस्करी की बात है तो मलाही पुलिस छोटे छोटे शराब कारोबारियों को पकड़ा है जिनसे न्यूनतम एक लीटर से लेकर अधिकतम बीस लीटर तक शराब बरामद किया है। लेकिन अभी तक कोई बड़ी शराब की खेप पकडऩे में सफलता नहीं मिली है। बताया गया कि अरेराज में जब कस्टम कार्यालय था तो इन गतिविधियों पर उनकी नजर रहती थी, परंतु यहाँ से कार्यालय हट जाने के बाद कभी भी उस विभाग के न अधिकारी दिखाई देते हैं और न कोई कर्मी। बिहार पुलिस की बेईमानी, निष्क्रियता और कमजोर सूचना तंत्र के चलते इस दियारा के रास्ते तस्करी का यह धंधा फल फूल रहा है।


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