पेयजल संकट से जूझ रहे लोग, आक्रोश झेलने को पार्षद विवश
संकट से निजात को निगम कार्यालय की दौड़ लगा रहे अधिकतर पार्षद। वार्डो में पानी टैंकर भेजने के निगम के दावों को पार्षदों ने नकारा। दी आंदोलन की चेतावनी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। वार्ड पार्षदों को पेयजल संकट से जूझ रही जनता का आक्रोश झेलना पड़ रहा है। ब्रह्मपुरा इलाके में जहां जनता ने स्थानीय पार्षद के खिलाफ नारेबाजी की वहीं जल संकट से सर्वाधिक प्रभावित शहर के पूर्वी भाग स्थित आधा दर्जन वार्डो की जनता ने समस्या दूर नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। जनता का आक्रोश झेल रहे पार्षद इससे निजात के लिए निगम कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं। लेकिन, वहां भी उनकी नहीं सुनी जा रही है। निगम प्रशासन ने सोमवार को शहर के दर्जनभर वार्डो में पानी टैंकर भेजने का दावा किया। इस पर वार्ड 31 की रुपम कुमारी एवं वार्ड 3 के पार्षद राकेश कुमार ने नाराजगी जताई।
उन्होंने निगम के दावों की पोल खोलते हुए कहा कि उनके वार्ड में पानी टैंकर नहीं गया है। निगम के पास कुल 13 पानी टैंकर हैं, जिनमें से दो खराब हैं। उसमें से भी कई शादी समारोह के लिए बुक हैं। वहीं वार्ड 48 के पार्षद मो. हसन ने कहा कि उनको जनता की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। वार्ड में जनता के बीच जाने से डर लगता है। निगम प्रशासन सहयोग नहीं कर रहा ऐसे में वे जनता को क्या जवाब दें समझ में नहीं आ रहा। वार्ड 10 के पार्षद अभिमन्यु चौहान ने कहा कि उनके वार्ड के लोग भीषण पेयजल संकट का सामना कर रहे हैं। तीन माह पूर्व से वे निगम को सचेत करते आ रहे थे। लेकिन, तब निगम की नींद नहीं खुली।
वार्ड 27 के पार्षद अजय ओझा ने कहा कि पीडब्ल्यूडी कॉलोनी के आधे परिवारों को पीने का पानी नहीं मिल रहा, जबकि मोहल्ले में विभाग द्वारा डेढ़ दर्जन घरों में मिनी पंप लगाए गए हैं। एक पंप से पूरे मोहल्ले के पानी की जरूरत पूरी हो सकती थी। वार्ड 29 की पार्षद रंजू सिन्हा ने कहा कि उनके वार्ड में पिछले दो माह से मिनी पंप नहीं लगाया जा रहा है। कारण, पाइप की गुणवत्ता को स्वीकृति नहीं मिल पाई है। उन्होंने कहा कि जनता में भारी आक्रोश है और वह कभी भी निगम प्रशासन के खिलाफ सड़क पर उतर सकती है।
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