मुजफ्फरपुर नगर निगम व एनएचएआइ के बीच पांच साल से फंसी पाइप लाइन, पेयजल संकट
एनएच के चौड़ीकरण के दौरान भगवानपुर चौक से संजय सिनेमा पुल तक क्षतिग्रस्त हो गया था पाइप। जलापूर्ति बाधित होने से सैकड़ों परिवारों को झेलनी पड़ रही परेशानी। निगम एनएचएआइ से पाइप लाइन बदलने या फिर राशि उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है।
मुजफ्फरपुर, जासं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की अनदेखी और नगर निगम की उदासीनता से सैकड़ों परिवार पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। एनएच 28 के चौड़ीकरण के दौरान शहर के भगवानपुर चौक से दादर पुल तक जलापूर्ति पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गई थी। निगम ने एनएचएआइ से पाइप लाइन बदलने या फिर राशि उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है। एजेंसी की मनमानी से प्रभावित इलाके में रहने वालों के घरों तक निगम की पेयजल आपूर्ति ठप है। इससे उनमें आक्रोश है। स्थानीय वार्ड पार्षदों के साथ-साथ निगम के अधिकारियों को भी लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है।
एजेंसी न राशि दे रही और न ही पाइप लाइन बिछा रही
पाइप क्षतिग्रस्त होने से शहर के पश्चिमी भाग स्थित सैकड़ों घरों में निगम की जलापूर्ति ठप है। जून 2017 में नगर निगम व एनएचएआइ के पदाधिकारियों की बीच बैठक हुई थी। इसमें सहमति बनी थी कि एनएचएआइ अपने खर्च पर क्षतिग्रस्त पाइप लाइन शिफ्ट करेगा। एनएचएआइ ने निगम से होने वाले व्यय का प्राक्कलन तैयार कर देने को कहा था। इस पर निगम ने अगस्त 2017 में 90.11 लाख रुपये का प्राक्कल तैयार कर एनएचएआइ को सौंप दिया था। इसके बाद भी राशि उपलब्ध नहीं कराई गई। बाद में उसने राशि देने की जगह स्वयं पाइप लाइन की मरम्मत कराने की बात कही थी। निगम को सिर्फ पर्यवेक्षण करने को कहा था। बदले में उसने निगम को पर्यवेक्षण मद में पांच लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया था। मरम्मत अब तक नहीं हो पाई है। दो साल पूर्व तत्कालीन नगर आयुक्त संजय दूबे ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक को पत्र लिखकर कार्य नहीं कराने पर इसके लिए राशि की मांग की थी। वर्तमान नगर आयुक्त विवेक रंजन भी एनएचएआइ को इस संबंध में पत्र लिख चुके हैं, लेकिन काम नहीं हुआ। वार्ड सात की पार्षद सुषमा देवी ने कहा कि एनएचएआइ की उदासीनता से लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। उनको लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ रही है। जल्द काम नहीं हुआ तो लोग आंदोलन कर सकते हैं।