... ताकि सलाखों के पीछे हंसता रहे 'बचपन', किए गए खास इंतजाम, जानिए Muzaffarpur News
मां के कसूर की सजा के अहसास से मासूम बच्चों को बचाने की कवायद। जेल आइजी के निर्देश पर शहीद खुदीराम केंद्रीय कारा में नई व्यवस्था।
मुजफ्फरपुर [संजय कुमार उपाध्याय]। मां की खता और छोटी उम्र के कारण जेल में पलने को मजबूर मासूम बच्चों को बंदी जीवन के अहसास से दूर रखने की सरकारी कोशिश की गई है। कोशिश यह कि भले ही बच्चे जेल में रह रहे हैं। लेकिन, उन्हें सलाखों का अहसास नहीं हो और उनका बचपन हंसता रहे। बताया गया है कि मुजफ्फरपुर स्थित शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में करीब आठ महिला बंदियों के साथ उनके छोटे बच्चे रहते हैं। इस स्थिति को देखते हुए कारा महानिरीक्षक ने विभिन्न बिंदुओं पर आवश्यक निर्देश दिए हैं। इसके तहत उनके लिए पौष्टिक आहार से लेकर तमाम चीजों का इंतजाम किया गया है।
बच्चों की बर्थ-डे पार्टी में कटता केक, बजती तालियां
मासूम बच्चों का बचपन बना रहे और उन्हें किसी भी स्तर पर अपने परिवार की कमी न हो इसके लिए ठोस इंतजाम किए गए हैं। बच्चे अपनी मां के साथ रहते हैं। सभी बच्चों का जन्मदिन कारा प्रशासन की स्थानीय डायरी में दर्ज होता है। जैसे ही जन्मदिन आता है। कारा प्रशासन उसे मनाने के लिए पूरा इंतजाम करता है। बकायदा बच्चे के लिए नया वस्त्र खरीदा जाता है। केक मंगाया जाता है। फिर निर्धारित समय पर केक काट जन्म दिन मनाया जाता है। मौके पर सभी बच्चे जमा होते हैं और बर्थ-डे ब्वॉय की मां के साथ इसे उत्सव की तरह मनाया जाता है। लोग गीत गाते हैं। तालियां बजती हैं। ताकि, बच्चे को अपने घर से दूर होने का अहसास नहीं हो।
शिक्षा व खेल के लिए खास इंतजाम
मासूम बच्चों को कभी भी अकेलेपन का अहसास नहीं हो इसके लिए उनके खेलने का इंतजाम है। कारा प्रशासन की ओर साइकिल और खिलौने दिए गए हैं। शिक्षा के लिए एक महिला कक्षपाल की तैनाती खास तौर पर की गई है। उन्हें इस बात की जिम्मेदारी दी गई है कि बच्चों के उम्र के हिसाब से प्रारंभिक ज्ञान दें। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कारा अधीक्षक स्वयं करते हैं।
मुजफ्फरपुर शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा अधीक्षक राजीव कुमार सिंह ने कहा कि जेल में विभिन्न तरह के अपराध में बंद आठ महिलाओं के साथ उनके मासूम बच्चे रहते हैं। कारा नियम के अनुरूप बच्चों की शिक्षा व उनके दैनिक जीवन को सामान्य रखने की कवायद की गई है। बच्चों को किसी भी वक्त इस बात का अहसास नहीं हो कि वो जेल में हैं, इसकी कोशिश की जाती है। इसके तहत उनका जन्मदिन मनाया जाता है।