International Women's Day 2021: पति के IAS अधिकारी रहते डॉ. शिखा रानी ने खुद की बनाई पहचान, जानिए इनके बारे में
International Womens Day 2021 स्वस्थ व शिक्षित समाज के लिए डॉ. शिखा के जज्बे को सलाम। दूसरों के लिए जीने और मदद करने की ललक उनको खास बनाती। मशहूर उद्यमी नीता अंबानी और बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत की फेहरिश्त में हुईं शामिल। पढें पूरी रिपोर्ट...
सीतामढ़ी, जागरण संवाददाता। मां जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी की बहू डॉ. शिखा रानी नारी-सशक्तीकरण की मिसाल पेश कर रही हैं। दूसरों के लिए जीने और उनकी मदद करने की ललक उनको खास बनाती है। वह पेशे से डॉक्टर हैं। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में सीनियर रेजिडेंड के पद पर कार्यरत हैं। शहर के कोट बाजार के रहने वाले उनके पति डॉ. दीपक आनंद आइएएस हैं, खुद की डॉक्टरी पेशा और तीन-तीन बच्चों की जवाबदेही के साथ घर-परिवार की देखभाल करते हुए हर रोल में फिट बैठती हैं। इन सबके बीच समाजसेवा के क्षेत्र में असाधारण कार्य, उनको दूसरों से अलग करते हैं। और इसीलिए फेम इंडिया मैगजीन एवं एशिया पोस्ट सर्वे ने उनको देश की उन 25 सशक्त महिलाओं की सूची में शामिल किया है, जिनमें रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता अंबानी व बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत भी हैं। आज वह बेशक एक सशक्त मुकाम पर हैं, लेकिन उनकी सफलता की चमक यूं ही नहीं निखरी और उसकी खूशबू हर तरफ फैली। अपनी मेहनत, लगन और सूझ-बूझ के दम पर कड़े संघर्षों से यह मुकाम हासिल किया है।
- Photo- गरीब और असहाय बच्चों के साथ बैठक कर उनको स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देती डॉक्टर शिखा रानी
स्वस्थ व शिक्षित समाज के निर्माण में बड़ी भूमिका
उनको जानने वालों का कहना है कि समाज में बड़े बदलाव के लिए उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है। स्वस्थ समाज के निर्माण में एक डॉक्टर होने के नाते बड़ी भूमिका निभाती हैं। वहीं कोरोना काल में अपनी जान की परवाह न करते हुए मरीजों की सेवा पूरे मनोयोग से करती रहीं। विभिन्न तरह की उत्पीड़न झेल चुकी महिलाओं में आत्मविश्वास जगा रही हैं। उनकी समस्याओं को सुनन, समझने के साथ ही उन्हें मानसिक रूप से सबल और न्यायिक सहायता दिलाने का कार्य करती हैं।
- Photo- पटना में युवा कला एवं संस्कृति विभाग के कार्यक्रम में छात्रा को सम्मानित करती डॉ शिखा रानी
डॉ. शिखा तीन जिलों में मेडिकल अफसर भी रही हैं। और जहां भी रही हैं समाज में बदलाव लाने की कोशिश की हैं। अपने पदस्थापना के दौरान महिला स्वास्थ्य और सशक्तीकरण के साथ कुपोषण, नेत्र चिकित्सा और नार्मल डिलीवरी के लिए जागरूकता लाने का काम किया। डॉ. शिखा समाज में सकारात्मक मुहिम चलाने के साथ ही शिक्षादान का कार्य भी करती हैं। वे जहां भी रहीं, वहां आसपास के गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को समूह में इकट्ठाकर उनको शिक्षित करने और योग्य बनाने के लिए प्रयास किया। डॉ. शिखा का बहुआयामी व्यक्तित्व उन्हें एक सशक्त महिला के तौर पर स्थापित करता है।
- Photo- डॉ. शिखा आनंद अपने पति व बच्चों के साथ ।
पति को मानतीं प्रेरणा, समाजसेवा को अपना धर्म
डॉ. शिखा का मायका गोड्डा जिला झारखड के महागामा में है। उनकी माता व पिता हमनाम हैं। माता-पिता के हमनाम होने को वह बड़ा दिलचस्प और अदभुत मानती हैं। माता कृष्णा कुमारी व पिता कृष्णा नंद भगत हैं। उनके पति डॉ. दीपक आनंद 2007 बैच के आइएएस हैं। यूपीएससी की परीक्षा में उनका 55वां स्थान था। बांका व छपरा में डीएम रहे हैं। उससे पहले समस्तीपुर में डीडीसी थे। बेतिया में दाे साल एसडीओ भी रहे। फिलहाल कला सस्कृति युवा विभाग में अपर सचिव सह निदेशक बिहार संग्रहालय हैं।
डॉ. शिखा को दो बेटियां व एक बेटा हैं-इमी, इशी और इयान। एक नौकरशाह पति और पेशागत व्यस्तताओं के बावजूद वह अपने परिवार का भी भरपूर ख्याल रखती हैं। यू-ट्यूब पर डॉ. शिखा डी आनंद के नाम से महिलाओं की जागरूकता के लिए तमाम जानकारियां देती हैं। बातों ही बातों में वह कहती हैं कि समाज में महिला सशक्तीकरण का यह मतलब थोड़े ही है कि पुरुषों को पीछे ढकेलते हुए महिलाओं को आगे बढ़ना है। डॉ. दीपक आनंद के बारे में वह बताती हैं कि उन्होंने समाजसेवा के लिए हर तरह से प्रेरित किया।