Move to Jagran APP

प्रतिभा ऐसी की एक ही समय में बोर्ड पर हल करते थे दो सवाल, अब यादों में रह जाएंगे जोसेफ बाबू

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के गणित विभाग के प्राध्यापक रहे डॉ.फिलिप जोसेफ ठाकुर के निधन से शोक की लहर। स्नातक और पीजी में राज्य स्तर पर रहें गोल्ड मेडलिस्ट स्कूल शिक्षक से तय किया प्राध्यापक तक का सफर विदेश का ऑफर ठुकराया।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 07:03 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 07:03 PM (IST)
प्रतिभा ऐसी की एक ही समय में बोर्ड पर हल करते थे दो सवाल, अब यादों में रह जाएंगे जोसेफ बाबू
डॉ.फिलिप जोसेफ ठाकुर, बीआरए बिहार विवि के गणित विभाग के प्राध्यापक (फाइल फोटो)

मुजफ्फरपुर, अंकित कुमार। विवि के गणित विभाग में करीब 25 वर्ष पहले बोर्ड पर कक्षा में एक ही समय दोनों हाथों से दो सवालों को हल करने वाले प्राध्यापक डॉ.फिलिप जोसेफ ठाकुर अब हमेशा याद आएंगे। 13 सितंबर को डॉ.जोसेफ का कोलकाता में निधन हो गया। मूल रूप से बेतिया के निवासी जोसेफ बाबू की हाई स्कूल तक की शिक्षा बेतिया से हुई और रांची से इंटर के बाद एलएस कॉलेज से गणित में बीएससी और पीजी की पढ़ाई की। इसके बाद 1964 में एलएस कॉलेज में व्याख्याता भी बने। 1995 में उन्होंने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के गणित विभाग में प्राध्यापक बने।

loksabha election banner

बोर्ड पर दोनों हाथों से दो सवालों का करते थे हल 

 उनके विद्यार्थी रहे डॉ.उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ.फिलिप विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। वे कक्षा में एक ही साथ बोर्ड पर दोनों हाथों से दो सवालों का हल करते थे। गणित के सभी पेपर पर उनकी बराबर पकड़ थी। उन्हें इनसाइक्लोपीडिया भी कहा जाता था। क्योंकि, जैसे ही कोई सवाल पूछे तो जवाब जीभ पर ही होता था। विवि के गलियारे में उन दिनों डॉ.जोसेफ की विद्वता के चर्चे होते थे। उनके मार्गदर्शन में 13 से अधिक शोध सफलतापूर्वक प्रस्तुत किए गए। उन्होंने कई पत्रिकाओं और पुस्तकें भी लिखी थीं।

विदेश से आया बुलावा, माटी के प्रेम के कारण ठुकराया

 अमेरिका में जॉर्जिया विश्वविद्यालय और प्रिंसटन विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान पर लिखी गई इनकी पत्रिका भी प्रकाशित हुई थी। इसके बाद अमेरिका के प्रिंसटन विश्वविद्यालय से शिक्षक के रूप में योगदान देने के लिए उन्हें कॉल भी आया। लेकिन, उन्होंने अपने देश और अपने लोगों व विद्यार्थियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से यहीं के हो गए।  13 सितंबर को कोलकाता में उनका निधन हो गया। वे अपने पीछे चार पुत्रों को छोड़ गए हैं। 

गणित विभाग में शोकसभा 

विवि के गणित विभाग में डॉ.फिलिप जोसेफ के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। गणित विभागाध्यक्ष डॉ.अमिता शर्मा ने कहा कि यह बहुत बड़ी क्षति है। शोकसभा में दो मिनट मौन धारण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। मौके पर एलएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ.ओपी राय, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.विनोद प्रसाद सिंह, प्रो.धीरेंद्र कुमार सिंह, प्रो.चंद्रशेखर, डॉ.उमेश श्रीवास्तव व एके तिवारी समेत अन्य लोग मौजूद थे। डॉ.फिलिप जोसेफ ठाकुर के बड़े पुत्र अरुण फिलिप ने बताया कि डॉ.ठाकुर ने केआर हाई स्कूल बेतिया से हाई स्कूल पास किया और यहीं चार वर्षों तक शिक्षक भी रहे। बाद में एलएस कॉलेज में अध्ययन के बाद अध्यापन का कार्य किया। वे बीएससी और पीजी दोनों में गोल्ड मेडलिस्ट भी थे। शुरू से ही वे दोनों हाथों से लिखते थे और गणित पर पूरी पकड़ थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.