मुजफ्फरपुर-वाल्मीकिनगर रेलखंड दोहरीकरण में शीघ्र दूर होगी भूमि की समस्या
मुजफ्फरपुर-सुगौली- वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना पर करीब 2402 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक द्वारा 18 जनवरी की समीक्षा में भी इसकी जानकारी दी थी। डबल लाइन बनने से दिल्ली आदि जगहों पर जाने के लिए यात्रियों का यात्रा कम समय में पूरा होगा।
मुजफ्फरपुर, जासं। मुजफ्फरपुर-सुगौली-वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना पर काम शुरू हो गया है। मुजफ्फरपुर से शुरू हो रही परियोजना में डबल रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए समस्तीपुर के डीआरएम आलोक अग्रवाल ने डीएम प्रणव कुमार के साथ सोमवार को बैठक की। करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में मुजफ्फरपुर से सुगौली रेलखंड पर होने वाले दोहरीकरण कार्य पर भूमि अधिग्रहण को लेकर विमर्श हुआ। डीएम ने भूमि अधिग्रहण की आनी वाली समस्या को शीघ्र दूर कराने का भरोसा दिलाया। डीआरएम ने कहा कि मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन रेलवे के साथ एक कदम आगे बढ़कर मदद कर रहा है। सहयोग के लिए डीएम की सराहना की है। डीआरएम ने कहा कि मुजफ्फरपुर से डबल लाइन का काम शुरू हो गया है। चकिया, मेहसी, महवल, सुगौली से लेकर साठी तक पहले फेज का काम शुरू हो गया है। दूसरे फेज के काम के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
मालूम हो कि मुजफ्फरपुर-सुगौली- वाल्मीकिनगर दोहरीकरण परियोजना पर करीब 2402 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक द्वारा 18 जनवरी की समीक्षा में भी इसकी जानकारी दी थी। डबल लाइन बनने से दिल्ली आदि जगहों पर जाने के लिए यात्रियों का यात्रा कम समय में पूरा होगा। क्राङ्क्षसग के चक्कर में गाडिय़ां स्टेशनों पर अधिक देर तक नहीं रुकेंगी।
नई दिल्ली-दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस से शराब बरामद
मुजफ्फरपुर : 02570 नई दिल्ली-दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस की आरक्षित बोगी में सीट के नीचे बैग में छुपाकर रखी विदेशी शराब बरामद की गई। आरपीएफ इंस्पेक्टर पीएस दुबे के आदेश पर एसआइ गोकुलेश पाठक, जीआरपी थानाध्यक्ष दिनेश कुमार साहु ने बरामद चार बैगों की तलाशी ली। 270 पीस फ्रूटी पैक शराब जब्त की गई। मामले में जीआरपी ने अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है।
नहीं रुक रही ट्रेनों से शराब की तस्करी
दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, अमृतसर आदि इलाकों से आने वाली ट्रेनों से भारी मात्रा में विदेशी शराब आ रही है। शायद कोई ट्रेन हो, जिससे शराब तस्कर नहीं चल रहे। तस्कर बैग को बर्थ के नीचे या यात्रियों के सामान के बीच छुपाकर रखते हैं और खुद किसी दूसरी बोगी में जाकर बैठ जाते हैं। ट्रेनों की मुकम्मल तलाशी नहीं होने से शराब आवक नहीं रुक पा रही है। तस्कर अब बड़ी बोतलों की जगह फ्रूटी पैक में शराब ला रहे हैं। इसके टूटने-फूटने का खतरा कम रहता है।