Rambha Ekadashi fasting 2021 इस तरह करने से दूर हो जाती है रुपये-पैसे की किल्लत
कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रम्भा एकादशी मनाई जाती है। इस दिन सुबह में स्नान करने के बाद पूजा करना चाहिए। एकादशी का व्रत विधि-विधान के साथ करने से सभी प्रकार की आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं। ब्रह्महत्यादि जैसे समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
मोतिहारी, जासं। हिन्दू पञ्चांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रम्भा एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष सोमवार 1 नवम्बर को रम्भा एकादशी व्रत की जाएगी। उक्त बातें आयुष्मान ज्योतिष परामर्श सेवा केन्द्र के संस्थापक साहित्याचार्य ज्योतिर्विद आचार्य चन्दन तिवारी ने बताया कि एकादशी के दिन सुबह स्नान करें और उसके बाद पूजा करनी चाहिए।
पूजा में धूप, तुलसी के पत्तों, दीप, नैवेद्य, फूल और फल आदि चीजों का ध्यान रखें। इस दिन भगवान विष्णु का पीले वस्त्र और फूलों से श्रृंगार करना चाहिए। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी की तिथि पर करना चाहिए। मां लक्ष्मी के नाम रमा पर ही रमा या रम्भा एकादशी मनाई जाती है। एकादशी का व्रत विधि-विधान के साथ करने से सभी प्रकार की आर्थिक दिक्कतें दूर होती हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने भी धर्मराज युधिष्ठिर से कहा था-जो मनुष्य इस व्रत को करते हैं, उनके ब्रह्महत्यादि जैसे समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों की एकादशियां समान हैं, इनमें कोई भेदभाव नहीं है। दोनों समान फल देती हैं। जो मनुष्य इस माहात्म्य को पढ़ते अथवा सुनते हैं, उन्हें समस्त पापों से छूटकर विष्णुलोक को प्राप्त होता हैं।
इस बार मोतीझील किनारे का होगा अद्भुत व अलौकिक दृश्य
मोतिहारी : तीन नवंबर को शहर के लोग मोतीझील की वह झलक देखेंगे जो झील के विकास के बाद की परिकल्पना को दर्शाएगा। उक्त बातें मोतीझील बचाव अभियान समिति के अध्यक्ष अंसारूल हक ने रविवार को कार्यक्रम स्थल के निरीक्षण के उपरांत कही। बताया कि कार्यक्रम का मकसद जन जागरूकता है और एक दिन के लिए भविष्य के विकसित मोतीझील के मंजर को नगर वासियों के समक्ष पेश करना है। इसका उद्देश्य लोगों को झील की अहमियत को समझाने व इसके संरक्षण एवं जीर्णोद्धार के लिए जागरूक करना है। उन्होंने कहा है कि मोतीझील बचाव अभियान समिति के बैनर तले चंपारण की प्रमुख सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से दीपावली की पूर्व संध्या पर इस बार मोतीझील दिवस के दिन मोतीझील किनारे भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम आयोजित का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम को लेकर गायत्री मंदिर घाट से गांधी चौक व रोइंग क्लब तक झील के किनारे को रंग-बिरंगे लाइट््स से सजाया जाएगा। वही मोतीझील के अलग-अलग घाटों पर चंपारण की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। बताया कि इसबार लोग मोतीझील के अंदर बोट पर दीपोत्सव देख सकेंगे। बताया कि मुख्य कार्यक्रम स्थल रोइंग क्लब में एक सभा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जिला पदाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक शामिल होंगे। वहीं रोइंग क्लब में रंगोली एवं दीपोत्सव का भव्य मंजर देखने को मिलेगा। कार्यक्रम का उद्देश्य जन जागरूकता व शासन-प्रशासन को झील के विकास के प्रति उनकी जवाबदेही का एहसास कराना है। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर एक समीक्षात्मक बैठक हुई, जिसमे कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया गया। मौके पर मुख्य संरक्षक डॉ. संजीव कुमार, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. भगवान प्रसाद, अनिल कुमार वर्मा, दिवाकर ङ्क्षसह, रजनिश कुमार, आसित सुमन, मकबुल आलम आदि मौजूद थे। श्री हक ने बताया कि कार्यक्रम की सहयोगी संस्थाओं में रहमानिया मेडिकल सेंटर, रोटरी क्लब मोतिहारी, रोट्रैक्ट क्लब, लायंस क्लब, ब्रावो फार्मा, आइएमए मोतिहारी, मोतिहारी चेंबर ऑफ कॉमर्स, मारवाड़ी युवा मंच, कृपा दी मेहर, निजी विद्यालय संगठन, सिटीजन फोरम ऑफ मोतिहारी, वार्ड पार्षद उदय बिहारी, मदन मोहन ङ्क्षसह, सीएम मेमोरियल स्कूल, कर्मा फाउंडेशन, साई मंदिर ट्रस्ट, बिहार नवयुवक सेना, डॉ. कुमार सुरेंद्र, निमा मोतिहारी (आयुर्वेद चिकित्सक समूह) आदि शामिल है।