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सीतामढ़ी में बहू की हत्या के आरोप में बेटे समेत डाक्टर व उनकी पत्नी को जेल

Sitamarhi crime मेघा से लड़ती रहती थी सास देवर अपनी मां का साइड लेकर भौजाई से रहता था आग-बबूला सहियारा थाने के पोखर भिंडा गांव की रहनेवाली 24 साल की मेघा की गोली मार देवर ने कर दी हत्या।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 11 Jan 2022 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 11 Jan 2022 10:13 PM (IST)
सीतामढ़ी में बहू की हत्या के आरोप में बेटे समेत डाक्टर व उनकी पत्नी को जेल
बेटी की मौत के सदमे में मरणासन्न मेघा की मां को सांत्वना देतीं उनके मोहल्ले की महिलाएं। फोटो-जागरण

सीतामढ़ी, जासं। सीतामढ़ी शहर के मेहसौल ओपी क्षेत्र अंतर्गत डिजनीलैंड ग्राउंड के इलाके में प्रसिद्ध चिकित्सक अनिल कुमार ङ्क्षसह की बहू मेघा सि‍ंंह  (24) की गोली मार हत्या के आरोप में डाक्टर व उनकी पत्नी अनिता देवी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। डाक्टर के छोटे बेटे अभिजीत कुमार उर्फ आशु सिंह को अपनी भाभी की गोली मार हत्या के आरोप में सोमवार शाम को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। मेहसौल ओपी प्रभारी जितेंद्र कुमार सुमन ने बताया कि मृतका मेघा ङ्क्षसह के पिता सोहन कुमार सिंह के द्वारा केस दर्ज कराए जाने के साथ ही डाक्टर व उनकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया। मेघा की हत्या के बाद कट्टे को देवर ने या तो कहीं फेंक दिया या अपने दोस्तों को दे दिया जिससे वह बरामद नहीं हो पाया। सास अपनी बहू से हमेशा लड़ती रहती थी। मेघा का देवर इसी बात को लेकर अपनी भौजाई से नफरत करता था। वह नशे का आदि भी था। जिसके बाद उसने अपनी भाभी की हत्या कर डाली।

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अपनी हैसियत से बड़ा परिवार देखकर बिटिया की शादी रचाई मगर मार डाला

मेघा का घर सहियारा थाने के पोखर ङ्क्षभडा गांव में है। वह सोहन कुमार स‍िंंह की दो बेटों के बीच इकलौती पुत्री थी। पुरनहिया थाने के चिरैया बराही जगदीश गांव के रहनेवाले डाक्टर अनिल स‍िंंह के बड़े बेटे अभिषेक कुमार ङ्क्षसह से 14 जुलाई, 2016 को शादी हुई थी। मेघा के पिता प्राइवेट कार्य करते हैं लेकिन, बेटी की खुशी की खातिर उन्होंने अपनी हैसियत से बड़ा डाक्टर परिवार को चुना मगर, पांच साल बाद ही इस परिवार की खुशियां छीन गई।

गिरफ्तारी के समय नशे में धुत था देवर, रातभर चला इलाज

गिरफ्तारी के समय मेघा का सनकी देवर नशे की हालत में झूम रहा था। पुलिस को उसने यह भी बताया कि जिस हथियार से गोली मारी उसको खिड़की से घर के पीछे झाड़ी में फेंक दिया। पुलिस उस हथियार को ढूंढने की कोशिश करती रही मगर वह बरामद नहीं हो सका। पुलिस ने कहा कि कट्टे से मेघा की गर्दन पर एक गोली मारी गई थी। जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना डाक्टर के आवास पर जियालाल कलावती हास्पीटल में ही हुई। इसी अस्पताल के उपरी मंजिल पर डाक्टर परिवार रहता है। मेघा की हत्या के बाद मां सरिता देवी, पिता सोहन ङ्क्षसह, चाचा मोहन सिंह समेत परिवार के सभी बदहवाश हैं।

पिता के सामने ही मेघा की गोली मार हुई हत्या, डाक्टर व उनकी पत्नी के कहने पर देवर ने चलाई गोली

मेघा की हत्या के मामले में पुलिस ने उसके पिता के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की है। उसी के आधार पर डाक्टर व उनकी पत्नी समेत देवर को गिरिफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस के अनुसार, सहियारा थाने के पोखर ङ्क्षभडा गांव निवासी स्व. कृष्ण देव ङ्क्षसह के पुत्र सोहन कुमार ङ्क्षसह ने कहा है कि उनकी पुत्री मेघा की हत्या उनके सामने ही की गई। समधी अनिल कुमार ङ्क्षसह एवं समधन अनिता देवी ने अपने पुत्र अभिजीत ङ्क्षसह उर्फ आशु को कहा कि रोज-रोज की कहानी को समाप्त कर दो। मां-बाप के कहने पर अभिजीत ने गोदरेज से कट्टा निकालकर मेघा को गोली मार दी। गोली गर्दन में लगी जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। मैंने शोर मचाया तो आसपास के लोग जुट गए। लोगों के सहयोग से नाहर चौक पर डाक्टर सुनील कुमार ङ्क्षसह के क्लीनिक पर मेघा को ले गए। जहां डाक्टर ने बिटिया को मृत घोषित कर दिया।

पति व बेटे ने मेघा को दी मुखाग्नि

मायके वालों ने बताया कि मेघा का अंतिम संस्कार प्राइवेट बस स्टैंड इलाके में श्मशान घाट पर किया गया। उसके पति अभिषेक व बेटे आर्यन ने मुखाग्नि दी। मेघा अपने इस बेटे को बड़ा अफसर बनाने का सपना देख रही थी। वह इंटरमीडिएट तक पढ़ पाई थी जिसको उसको मलाल रहता था। पति भी पढ़-लिखकर कुछ कर नहीं पाया इसलिए भी वह आर्यन को बड़े ओहदे पर देखना चाहती थी। मेघा के मायकेवालों का कहना है कि जब कभी उसकी ससुराल में लड़ाई-झगड़ा होता वह अपने बेटे को कमरे में छुपा दिया करती थी ताकि, उसका असर न पडऩे पाए।

दहेज हत्याकांड में पति से परिवारवालों को नहीं कोई शिकवा

मायकेवालों का कहना है कि मेघा के पति से कोई शिकवा-शिकायत नहीं है। क्योंकि, वह अपनी पत्नी व बेटे से काफी प्यार करता है। मेघा के चाचा मोहन ङ्क्षसह ने बताया कि हत्या के वक्त अभिषेक मौके पर मौजूद नहीं था। मेघा को गोली लगने के बाद जब हास्पीटल ले जाया गया तब वह फूट-फूटकर रो रहा था। आर्यन तब अपने पिता को यह कहकर चुप करा रहा था कि मम्मी जल्दी आ जाएंगी। चार साल के उस मासूम को क्या मालूम कि अब वह कभी लौट नहीं पाएगी। घरवालों ने कहा कि आर्यन अपने पिता के साथ ही रहेगा। बस वह उसकी अ'छी परवरिश करके बड़ा आदमी बना दे ताकि, उसकी मां मेघा के सपने पूरे हो जाए।


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