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बोले डीएम- जहां कम्युनिटी किचन चलाना संभव नहीं, वहां भेजा जाएगा सूखा राशन पैकेट Darbhanga News

सूखा राशन पैकेट में 2.5 किलो चूड़ा आधा किलो चीनी एवं एक किलो चना रखा गया है। इनमें मोमबत्ती एवं सलाई भी रखी गई है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 09:56 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 09:56 AM (IST)
बोले डीएम- जहां कम्युनिटी किचन चलाना संभव नहीं, वहां भेजा जाएगा सूखा राशन पैकेट Darbhanga News
बोले डीएम- जहां कम्युनिटी किचन चलाना संभव नहीं, वहां भेजा जाएगा सूखा राशन पैकेट Darbhanga News

दरभंगा, जेएनएन। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों को पास के विद्यालयों में कम्युनिटी किचेन के माध्यम से पका हुआ खाना खिलाया जा रहा है। सोमवार तक बाढ़ प्रभावित गांवों में 86 स्थलों पर कम्युनिटी किचेन के माध्यम से लगभग 20 हजार लोगों को खाना खिलाया गया। मंगलवार को 30 से 40 और कम्युनिटी किचेन चलाने का निर्देश दिया है। इसकी बदौलत 25 से 30 हजार लोगों को पका खाना उपलब्ध होगा।

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डीएम ने उक्त बातें अपने कार्यालय प्रकोष्ठ में प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहीं। कहा कि जहां कम्युनिटी किचेन चलाया जाना संभव नहीं है, वहां लोगों के बीच सूखा राशन का पैकेट जिसमें 2.5 किलो चूड़ा, आधा किलो चीनी एवं एक किलो चना रखा गया है। इन पैकेटों में मोमबत्ती एवं सलाई भी रखी गई है। बताया कि तारडीह प्रखंड में 1200 फूड पैकेट््स एवं मनीगाछी में एक हजार फूड पैकेट्स भेजा गया है।

वहां वितरण हो रहा है। बताया कि बाढ़ प्रभावित अंचलों में 14 हजार से ज्यादा पॉलीथीन शीट््स भेजे गए हैं। डीएम ने बताया कि बाढ़ राहत कार्य का अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करने एवं क्षेत्रीय पदाधिकारियों को सहयोग प्रदान करने के लिए जिला के वरीय पदाधिकारियों को विभिन्न प्रखंडों में प्रतिनियुक्त किया गया है। वे वहां कैंप करके राहत एवं बचाव कार्य चला रहे हैं। बताया कि बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए एनडीआरएफ की तीन टीमें लगातार कार्य कर रही है। ये टीमें अभी तारडीह, अलीनगर, घनश्यामपुर एवं मनीगाछी प्रखंडों में राहत एवं बचाव कार्य कर रही है। जिला में पहले से 238 नाव उपलब्ध थे। इसके अलावा 15 नाव दूसरे जिले से प्राप्त हो गए हैं। 10 और नाव कल तक मिल जाएगें। नावों को बाढ़ प्रभावित अंचलों में भेजा जाएगा। कहा कि बाढ़ से प्रभावित मनुष्यों के साथ-साथ मवेशियों की भी देखभाल की जा रही है। पशुपालन विभाग के चिकित्सकों द्वारा पशु चिकित्सा केंद्रों का संचालन किया जा रहा है।  


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