West Champaran News: जेई और एईएस की रोकथाम को ले आशा फैलाएंगी जागरूकता, डीएम ने जारी किया निर्देश
West Champaran News डीएम कुंदन कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद आवश्यक निर्देश जारी किया है। कहा है कि जेई/एईएस की रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2020 में अच्छा कार्य किया है। 2021 के लिए कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया।
पश्चिम चंपारण, जेएनएन। चमकी बुखार और मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम को लेकर तैयारियां चल रही है। आशा और एएनएम को जागरूकता फैलाने का निर्देश दिया गया है। गांव गांव में टीम बनाकर बच्चों की मां को खासकर जागरूक किया जाएगा। डीएम कुंदन कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों की समीक्षा करने के बाद आवश्यक निर्देश जारी किया है। कहा है कि जेई/एईएस की रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2020 में अच्छा कार्य किया है। पूर्व में स्थिति गंभीर होने पर बच्चे को बाहर रेफर करना पड़ता था लेकिन अब इसी जिले में पीकू, नरकटियागंज एवं जीएमसीएच, बेतिया में हर प्रकार की चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध है। पीड़ित बच्चे को हर हाल में स्वस्थ किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चा अनमोल है, एक-एक बच्चे का ख्याल रखना अतिआवश्यक है। आगामी वर्ष 2021 में जेई/एईएस की रोकथाम के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाय तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी निदेशों का अक्षरशः पालन किया जाय।
जिलाधिकारी ने कहा कि पश्चिम चम्पारण जिले में वर्ष 2020 में जेई/एईएस के अबतक कुल 05 मामले सामने आये हैं। ऐहतियातन इसकी रोकथाम के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को अपडेट रखा जाय। जिले के सभी पीएचसी में जेई और एईएस से बचाव के लिए सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय। इसके साथ ही आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराएं।
चिकित्सक व कर्मियों को किया जाएगा प्रशिक्षित
उन्होंने कहा कि आशा , सेविका-सहायिका, एएनएम आदि को पुनः समुचित तरीके से प्रशिक्षित किया जाय ।ताकि जेई और एईएस की रोकथाम में कोई परेशानी उत्पन्न नहीं हो तथा पीड़ित बच्चों का प्राथमिक इलाज समुचित ढंग से किया जा सके। साथ ही सभी पीएचसी के डाॅक्टरों को भी पुनः प्रशिक्षित किया जाएगा।
डोर टू डोर कराएंगे सर्वे
सिविल सर्जन डॉ अरुण कुमार सिन्हा बताया कि जेई/एईएस की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराना है। आवश्यकता पड़ने पर हाउस-टू-हाउस सर्वे भी कराई जाएगी।