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ब‍िहार में जज से मारपीट मामले की प्रमंडलीय आयुक्त व आईजी ने शुरू की जांच, जान‍िए मधुबनी का पूरा मामला

Madhubani News घटना के समय मौजूद अधिवक्ताओं जख्मी पुलिस पदाधिकारियों का इलाज करने वाली चिकित्सकीय टीम एवं पुलिस अधिकारियों के बयान हुए दर्जजांच टीम ने सबसे पहले घटना के समय कथित तौर पर उपस्थित जेई दीपक राज का लिया बयान।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 08:10 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 08:10 PM (IST)
ब‍िहार में जज से मारपीट मामले की प्रमंडलीय आयुक्त व आईजी ने शुरू की जांच, जान‍िए मधुबनी का पूरा मामला
कमिश्नर और आईजी पहुंचे कोर्ट मामले की जांच के लिए। जागरण

मधुबनी (झंझारपुर), जासं। झंझारपुर कोर्ट में 18 नवंबर को एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के कक्ष में हुई मारपीट की घटना की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। इस मामले की जांच करने रविवार को प्रमंडलीय आयुक्त मनीष कुमार एवं आईजी अजिताभ कुमार झंझारपुर पहुंचे। उनके आगमन पर डीएम अमित कुमार, एसपी डॉ. सत्य प्रकाश, एसडीओ शैलेश कुमार चौधरी, डीएसपी आशीष आनंद, थानाध्यक्ष नेहा कुमारी समेत अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने उनकी आगवानी की। इसके बाद आयुक्त व आईजी अनुमंडल कार्यालय के पीछे आईबी भवन गए। वहां बंद कमरे में इन दोनों वरीय पदाधिकारियों ने घटना के कई चश्मदीदों का बयान कलमबंद किया।

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बता दें कि 18 नवंबर को एडीजे के कक्ष में घटी घटना को लेकर एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के बयान पर झंझारपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज करते हुए घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण एवं सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा को आरोपित किया है। दोनों आरोपित पुलिस पदाधिकारियों का फिलहाल दरभंगा के डीएमसीएच में पुलिस सुरक्षा में इलाज चल रहा है। इस बीच जख्मी घोघरडीहा थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण भी अपना बयान पुलिस को दर्ज करा चुके हैं, जिसमें उन्होंने एडीजे अविनाश कुमार प्रथम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार घटना के समय एडीजे के कक्ष में जेई दीपक राज भी मौजूद थे जिसकी चर्चा एडीजे के बयान में नहीं है।

अधिकारियों ने सबसे पहले दीपक राज का लिया बयान 

आईबी भवन के बंद कमरे में प्रमंडलीय आयुक्त एवं आईजी के समक्ष सबसे पहले घटना के दौरान कथित तौश्र पर मौजूद नगर पंचायत के जेई दीपक राज का बयान लिया गया। हालांकि, उनसे अधिकारियों ने क्या पूछा और क्या जवाब दिया गया, इस बाबत कोई सूचना सार्वजनिक नहीं की गई है। लोगों का बयान लेने से पूर्व जांच करने पहुंचे दोनों पदाधिकारियों ने कुछ भी बताने से परहेज किया।

कई अधिवक्ताओं से अधिकारियों ने की पूछताछ 

घटना के समय झंझारपुर कोर्ट में मौजूद कई अधिवक्ता भी जांच टीम के समक्ष पेश हुए। अधिवक्ताओं में बलराम साहु, अरूण कुमार झा, अपर लोक अभियोजक इन्द्रकांत प्रसाद, देवशंकर झा का बयान कलमबद्ध किया गया। समाचार लिखे जाने तक घटना के बाद दोनों जख्मी पुलिस पदाधिकारियों का इलाज करने वाले चिकित्सकीय टीम एवं पुलिस अधिकारियों के बयान लिए जा रहे थे। अपर लोक अभियोजक देवशंकर झा ने बताया कि उनसे पूछा गया कि आपने क्या देखा। उन्होंने बताया कि जिस समय की घटना बताई जा रही है उस समय वे एडीजे प्रथम, मधुबनी के साथ वीडियो क्रांफ्रेङ्क्षसग पर मुकदमा के सिलसिले में न्यायिक कार्य में व्यस्त थे। हंगामा होने पर वे करीब ढ़ाई बजे एडीजे प्रथम अविनाश कुमार के चेम्बर में पहुंचे तो वहां काफी भीड़ लगी थी। 25-30 लोग एडीजे के सामने खड़े थे। उन्होने एडीजे अविनाश कुमार से पूछा कि क्या बात है तो उन्होने कहा कि अभी रूकिए। उसके बाद वे निकल गए। अधिवक्ता अरुण कुमार ने बताया कि उन्होने जांच टीम को बताया कि एडीजे प्रथम को चोट लगी थी। कई के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई है।

जांच में शामिल नहीं हुए न्यायिक पदाधिकारी व कोर्ट कर्मी 

मामले की जांच करने पहुंचे दोनों अधिकारियों के समक्ष कोई न्यायिक पदाधिकारी या कोर्ट कर्मी पेश नहीं हुए। सूत्रों ने बताया कि जांच टीम ने न्यायिक अधिकारियों को भी जांच का हिस्सा बनने के लिए अनुरोध भिजवाया गया था, लेकिन जांच टीम के समक्ष किसी न्यायिक अधिकारी एवं कर्मियों ने उपस्थित होना मुनासिब नहीं समझा। अधिकारियों में चर्चा रही कि न्यायिक अधिकारियों ने कहा कि उच्च न्यायालय से निर्देश मिलने के बाद ही वे लोग कोई कदम उठाएंगे। समाचार लिखे जाने तक जांच टीम लोगों के बयान दर्ज करने में जुटी थी।


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