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मुजफ्फरपुर एंटीजन किट धांधली के आरोपित को बचाने में जुटा महकमा, उपाधीक्षक ने दिया अवकाश

प्रबंधक प्रवीण कुमार पर दर्ज प्राथमिकी को करीब 125 दिन पूरे हो गए। प्रबंधक पर कार्रवाई को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर फेंका-फेंकी कर रहे है। विभागीय एक्शन शून्य है। इतना जरूर हुआ कि उसके अधिकारी लेखापाल को दे दिए गए।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 09:34 AM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 09:34 AM (IST)
मुजफ्फरपुर एंटीजन किट धांधली के आरोपित को बचाने में जुटा महकमा, उपाधीक्षक ने दिया अवकाश
सीएस के जानकारी मांगने पर सामने आया अवकाश पर चल रहे प्रबंधक।

मुजफ्फरपुर, जासं। एंटीजन किट कालाबाजारी के आरोपित सदर अस्पताल के प्रबंधक पर सकरा थाने में 10 मई 2021 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसे तत्कालीन प्रशिक्षु डीएसपी सतीश कुमार सुमन ने एंटीजन किट की बरामदगी के बाद दर्ज किया था। प्रबंधक प्रवीण कुमार पर दर्ज प्राथमिकी को करीब 125 दिन पूरे हो गए। प्रबंधक पर कार्रवाई को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एक-दूसरे पर फेंका-फेंकी कर रहे है। विभागीय एक्शन शून्य है। इतना जरूर हुआ कि उसके अधिकारी लेखापाल को दे दिए गए। इधर मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा इस मामले को लेकर हाई कोर्ट व मानवाधिकार आयोग में न्याय के लिए दस्तक दी है। वहां पर भी सुनवाई चल रही है। 

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सीएस ने मांगी जानकारी तो सामने आया मामला

सिविल सर्जन डा.विनय कुमार शर्मा ने सदर अस्पताल उपाधीक्षक से जानकारी ली थी कि प्रबंधक कहां पर हैं। उपाधीक्षक ने अपने पत्र में यह जानकारी दी कि उन्होंने उसको अवकाश दिया है। स्वास्थ्य कारणों से अवकाश दिया गया है। उपाधीक्षक का पत्र आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हंै। आखिर जब मामला सार्वजनिक है तो अवकाश किस तरह से दिया गया।

आरोपित को अवकाश देना न्याय सम्मत नहीं, होगा एक्शन

क्षेत्रीय स्वास्थ्य अपर निदेशक डा.राकेशचंद्र सहाय सिन्हा ने कहा कि वह खुद इसकी समीक्षा करेंगे। यह कानून सम्मत नहीं है कि कोई पुलिस का आरोपित किस तरह से अवकाश लेकर और अपनी पैरवी करने में जुटा है। जब उस पर प्राथमिकी दर्ज हुई तो तत्काल उसे पद से हटाकर विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आश्चर्य जताया कि जिला स्वास्थ्य समिति व सिविल सर्जन जो सदर अस्पताल के अधीक्षक के प्रभार में उनको अविलंब विभागीय कार्रवाई करनी चाहिए। डा.सिन्हा ने कहा कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। वह इसकी एक सप्ताह के अंदर समीक्षा करेंगे।

प्रबंधक पर ये लगे आरोप

एंटीजन किट मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपितों ने पुलिस की पूछताछ में हास्पिटल मैनेजर का नाम लिया था। इसके बाद उस पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी। इसके बाद वह पुलिस की पकड़ से बाहर है। मैनेजर पर आरोप है कि कोरोना की दूसरी लहर में रोज एक हजार किट जांच को मिलती थीं। इसमें वह आधी बाहर बेच देता था। मई में सकरा थाना क्षेत्र के सुस्ता गांव से प्रशिक्षु डीएसपी सुमन के नेतृत्व में पुलिस ने छापेमारी कर सदर अस्पताल के लैब टेक्नीशियन संजय ठाकुर की ससुराल से चार हजार रैपिड एंटीजन किटों को बरामद किया था। पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। सदर अस्पताल का प्रबंधक व सरैया पीएचसी का एक लैब टेक्नीशियन अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।  


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