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मधुबनी में अभी अस्थाई तौर पर ही होगा जिला पंचायत संसाधन केंद्र का संचालन

पंचायत एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियोंं एवं कर्मियोंं को दिया जाएगा क्षमतावर्द्धन का प्रशिक्षण। एक जनवरी 2021 से अनिवार्य रुप से अस्थाई जिला पंचायत संसाधन केंद्र संचालित करने का निर्णय। प्रक्रिया पूरी होने के बाद लोगों को सुविधा होगी।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 11:47 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 11:47 AM (IST)
मधुबनी में अभी अस्थाई तौर पर ही होगा जिला पंचायत संसाधन केंद्र का संचालन
15 दिसंबर तक अस्थाई जिला पंचायत संसाधन केंद्र में प्रशिक्षण के लिए सारी व्यवस्था करने का आदेश।

मधुबनी, जेएनएन। सूबे के सभी जिलों में एक जनवरी 2021 से जिला पंचायत संसाधन केंद्रों को अनिवार्य रुप से क्रियाशील एवं संचालित करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, अभी अस्थाई तौर पर ही जिला पंचायत संसाधन केंद्र का संचालन किया जाएगा। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सूबे के सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों को सूचित कर दिया है। 

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छह माह के अंदर प्रशिक्षण कार्यक्रम

गौरतलब है कि वर्ष 2021 के प्रथम छमाही में पंचायत आम निर्वाचन कराया जाना है। पंचायत एवं ग्राम कचहरी के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों एवं कर्मियों के क्षमतावर्द्धन के लिए छह माह के अंदर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित की जानी है। पंचायत एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों को पंचायती राज व्यवस्था की प्रक्रिया एवं प्रणाली से अवगत कराने के लिए समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। ताकि उनका क्षमतावर्द्धन हो सके। इसी के मद्देनजर सूबे के सभी जिलों में सरकार ने जिला पंचायत संसाधन केंद्र का निर्माण कराने का निर्णय लिया है। लेकिन, जब तक जिला पंचायत ससाधन केंद्र का निर्माण नहीं हो जाता है, तब तक के लिए अस्थाई तौर पर ही जिला पंचायत संसाधन केंद्र का संचालन करने का निर्णय लिया गया है। एक जनवरी 2021 से अस्थाई तौर पर जिला पंचायत संसाधन केंद्र को क्रियाशील एवं संचालित करने का लक्ष्य विभाग ने निर्धारित किया है। ताकि पंचायती राज विभाग से संबंधित सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम अस्थाई तौर पर चयनित जिला पंचायत संसाधन केंद्र में आयोजित किया जा सके। इसके लिए भवन चयनित कर लिए जाने का निर्देश पंचायती राज विभाग ने दिया है। विभाग ने 15 दिसंबर तक अस्थाई जिला पंचायत संसाधन केंद्र में प्रशिक्षण के लिए सारी व्यवस्था कर लिए जाने का भी निर्देश विभाग ने दिया है।

बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति

अस्थाई जिला पंचायत संसाधन केंद्र से संबद्ध सभी साधन सेवियों एवं कर्मियों का बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज कराई जाएगी। जिला पंचायत राज पदाधिकारी बायोमेट्रिक प्रणाली संयंत्र की अधिष्ठापन करेंगे। जिला पंचायत संसाधन केंद्र पर नियुक्त सभी कर्मी एवं साधन सेवी जिला पंचायत संसाधन केंद्र के प्राचार्य के प्रशासनिक निर्देशन, पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण में कार्य करेंगे। प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य के पदस्थापन होने तक जिला पंचायत राज पदाधिकारी ही इस दायित्व का निर्वहन करेंगे। जबकि उप विकास आयुक्त सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी उक्त केंद्र के वरीय प्रभारी पदाधिकारी होंगे। हालांकि संपूर्ण व्यवस्था का संचालन एवं कार्यान्वयन जिला पदाधिकारी की देखरेख में किया जाएगा। 


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